Yogini Sadhana
64 योगिनी साधना क्या है ? इसके लाभ

64 Yogini Sadhana Kya Hai ? Iske Laabh :
64 योगिनी साधना मंत्र (64 Yogini Sadhana Mantra) , एक प्राचीन तंत्र बिद्या , सिद्धयोगिनी या सिद्धि दात्री योगिनी की पूजा पर आधारित है । कुछ लोग इसे द्वितीय दर्जे की आराधना मानते हैं , लेकिन यह एक भ्रान्ति है ।
चौसठ योगिनी साधना (64 Yogini Sadhana) करने बाले साधकों को अनगिनत लाभ हो सकता है, जैसे कि हर प्रकार के बिगड़े कामों को सुधारना । यह साधना माँ शक्ति के भक्तों को उत्साहबर्धब परिणाम प्रदान कर सकती है और समस्त मुशिकलें दूर करने में मदद कर सकती है ।
इस साधना करने से साधक की प्राण ऊर्जा में बृद्धि होती हैं और माँ शक्ति और चौसठ योगिनियों की कृपा से उसके जीवन में सुख –शांति आती है । इस साधना (64 Yogini Sadhana) के प्रभाब से भक्त के घर में समृद्धि और आनंद का आभास होता है ।
अगर आपने कई प्रयासों के बाबजूद भी भाग्यबश किसी कार्य को सकारत्मक रूप से पूर्ण करने में सफलता नहीं प्राप्त की है , या आपका काम बिगड़ता जा रहा है , या फिर आप प्रबल शत्रुओं के चक्कर में जीवन की आशा छोड़ दी है , तो 64 योगिनी साधना (64 Yogini Sadhana) आपके लिए एक उकृष्ठ बिकल्प हो सकती है ।
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समस्त योगिनियाँ अलौकिक शक्तियों से सम्पन्न हैं तथा इंद्रजाल , जादू , वशीकरण , मारण , स्तम्भन इत्यादि कर्म इन्हीं की कृपा द्वारा ही सफल हो पाते हैं ।
64 योगिनी जन्म माँ काली से हुआ है 64 योगिनी सृष्टि के बिभिन्न आयामों पर शासन करती है । यह सभी आद्या शक्ति माँ काली की ही भिन्न भिन्न अबतारी अंश है । योगिनी साक्षात आदिकाल की ही अबतार है तथा सदैब माता पार्वती की सखियों की तरह ही रहती है ।देवी पार्वती द्वारा लडे गए समस्त युद्ध में समस्त योगिनी ने भाग लिया था अपनी बीरता का परिचय दिया था ।
अगर आप भी चौसठ योगिनी मंत्र का जाप करना चाहते है तो इस मंत्र का जाप हर सोमबार या फिर अमाबस्या और पूर्णिमा की रात्रि को किया जाता है साधना की शुरुआत करने से पहले स्नान कर ले , स्नान करने के बाद अपने देबता , इष्ट देबता , तथा पितृ देबता का आशीर्वाद लेकर चौसठ योगिनी मंत्र का जाप करना शुरू करें इसमें दो देबताओं के जाप जरुरी हैं ।
गणेश मंत्र और गुरु मंत्र कोई भी गणेश जी का मंत्र का एक माला जाप करें अगर आपके पास गुरु मंत्र है तो उसकी एक माला जाप करें अगर आपके पास गुरु मंत्र नहीं है तो आप भगबान भोलेनाथ को अपना गुरु मानकर , उनके मंत्र की एक माला का जाप करें और भगबान शिब की पूजा और साधना करे उसके बाद शिबलिंग पर जल को अर्पित करे उसके बाद थोड़े से चाबल को शिबलिंग पर चढ़ाएं उसके बाद पूजा आरम्भ करे उसके बाद जिस 64 योगिनी मंत्र का जाप करना चाहते है उसी मंत्र की एक माला या ग्यारह माला का जाप करें ।
चौसठ योगिनी मंत्र का जाप करने से धन की प्राप्ति होती है और ब्यापार में बृद्धि होती है । योगिनी मंत्र का जाप सुनने या करने से 64 योगिनी परिचारिकाओं के साथ आकर बांछित कामना पूर्ण करती है ।मंत्र का जाप आप लोग अगर करेंगे तो आपके मन की भी इच्छा पूर्ण हो जाएगी ।
64 योगिनी शाबर मंत्र

64 Yogini Shabar Mantra :
पहला मंत्र : “ॐ जोगिनी जोगिनी आवो आवो कल्याण धारो इच्छा पुराओ आण दुर्गा की गोरखनाथ गुरु को आदेश आदेश आदेश ।”
दूसरा मंत्र : “चौसठ जोगन नाचे गाबे माई की करे सेवा , माई प्रसन्न मुदित बदल दे टोरी टेवा ।”
तीसरा मंत्र : “जोगिनी जोगिनी, काली की शक्ति संख्या तेरी चौसठ ,सुमिरो तोको कृपा करो , अमुक कार्य पुराब भोग लेवो , प्रसन्न होब काली की दुहाई ।”
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64 Yogini Aakarshan Mantra :
मंत्र : “ह्रीं क्लीं सर्ब योगिनेश्वरी क्लीं ह्रीं वौष्ट ।”
64 Yogini & 52 Veer Shabar Siddh Mantra :
मंत्र : “ॐ सत्यनाम आदेश गुरु को, आदेश पाबन पानी का
नांद अनाहद दुन्दुभी बाजे, जंहा बैठीं जोगमाया साजे
चौसठ योगिनी बाबन बीर , बालक की हरे सब पीर
आगे जात शीतला जानिये , बंध बंध बारे जाये मसान
भुत बंध –प्रेत बंध , छल बंध –छिद्र बंध
सबको मारकर भसमंत , सत्यनाम आदेश गुरु को ।”
यंहा दिया गया चौसठ योगिनी मंत्र (64 Yogini Shabar Mantra) को आप अपना रक्षा , ग्रहदशा और जीवन में आनेवाली समस्त बाधा को दुर करके आप अपना लक्ष्य स्थल पर पहुँचने के लिए उपयोग कर सकते हो ।
योगमाया महा मोहिनी साधनाre

Yogamaya Maha Mohini Sadhana :
हर व्यक्ति चाहता के वोह सब से सुंदर दिखे और हर लड़की चाहती है के उसे अपूर्व सोंदर्य प्राप्ति हो इस के लिए इंसान चाहे औरत दोनों प्रयत्न शील रहते है । तरह तरह के साधन अपनाते है । सोंदर्य सिर्फ बाहर का नहीं अंतर में भी सोंदर्य हो वाणी में सोंदर्य हो चेहरे पे तेज हो तो वोह हर इंसान को अपने मोह पाश में बांध लेता है । योगमाया देवी सोंदर्य और आकर्षण की प्रति मूर्ति है । इस से बढ़ कर कोई सुंदर नहीं । यह किसी भी साधक को सोंदर्य प्रदान कर सकती है इस के लिए यह एक अनुभूत साधना (Yogamaya Maha Mohini Sadhana) है । इस से व्यक्ति के हर पहलू से सोंदर्य आ जाता है जहां महलाए भी अपने में एक विशेष आकर्षण महसूस करती है । तेज और मादकता उनके चेहरे से छल्क उठती है और वह अपने सोंदर्य में किसी को भी बांधने की शक्ति अर्जित कर लेती है । इस के लिए यह साधना (Yogamaya Maha Mohini Sadhana) बहुत लाभकारी है । आप भी एक वार इसे संपन कर अपने को विशेष सोंदर्य से श्राभोर करे । यह आसान साधना है और इसे भी मोहिनी एकादशी को शुरू कर 11 दिन में पूर्ण करना है । इस हिसाब से आप 11 माला हर रोज कर सकते है । कुल मंत्र 7000 जप कर सकते है जा 11 दिन 11 माला कर ले । इस के लिए जो सामग्री चाहिए आपके पास चाँदी की जा नवरतनों की माला हो जा सफटिक की माला का प्रयोग कर ले जा नवरंगी माला भी ले सकते है जैसी माला इन में से मिले प्रयोग में ले ले । दूसरा आपके पास भगवान विष्णु का और योगमाया का चित्र मूर्ति हो ।
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Yogamaya Maha Mohini Sadhana Vidhi :
सबसे पहले आप किसी बेजोट पे लाल बस्त्र बिछा कर देवी की और भगवान विष्णु की प्रतिमा का स्थापन करे अगर प्रतिमा या विग्रह न हो तो सुंदर चित्र का स्थापन कर ले । सब से पहले गुरु पूजन और श्री गणेश पूजन करे सद्गुरु का चित्र भी साथ में स्थापन करे और पूजन के बाद आज्ञा लेकर योगमाया साधना शुरू करे । देवी की प्रतिमा पे गुलाबी रंग का वस्त्र चढ़ाए और केसर कुंकुम , धूप दीप पुष्प नवेध के लिए शुद्ध घी की बनी हुई मिठाई आदि का भोग लगाए फल चढ़ाये और एक मीठा पान भी अर्पित करे इस पुजा में केसर और पान विशेष स्थान रखता है इस लिए यह दोनों चीजे खास कर पुजा में समलित करे हर रोज पूजन करना है वस्त्र एक वार चढ़ा सकते है बाकी समान रोज नया ले और पहला समान किसी पात्र में उठा के रख दे । इसके साथ ही भगवान विष्णु की आराधना करे और चित्र का पूजन करे । फिर उकत माला से 11 माला निमन योगमाया मंत्र का जप करे । ऐसा आपको 11 दिन करना है । 11 दिन के बाद सारी सामग्री जो पूजन के वक्त आपने उठा ली थी उसे जल प्रवाह कर दे और चित्र को पुजा स्थान में स्थापन कर दे इस प्रकार यह साधना (Yogamaya Maha Mohini Sadhana) पूर्ण हो जाती है । इस में आसन पीला और दिशा पच्छिम को मुख रखे ।
Yogamaya Maha Mohini Sadhana Mantra :
योगमाया मंत्र : “ॐ वं वं वं क्रीं आकर्षिणी स्वाहा “
चौंसठ योगिनी मंत्र साधना

Chaunsath Yogini Mantra Sadhana :
तंत्र जगत योगिनियो का विशेष महत्व है । ये सभी अलौकिक शक्तियों से सम्पन्न होने के कारण साधक को उसकी मनवांछित वरदान देने में सक्षम है । चौंसठ योगिनी मंत्र (Chaunsath Yogini Mantra) सिद्ध कर लेने के बाद साधक जो भी चाहें कर सकता है । संक्षेप में इन्हीं को मातृका भी कहा जाता है और इन चौंसठ योगिनी मंत्र (Chaunsath Yogini Mantra) की आराधना के द्वारा साधक विभिन्न प्रकार की दिव्य सिद्धियां प्राप्त कर चमत्कार दिखाने में सक्षम होते हैं । समस्त योगिनियां अलौकिक शक्तिओं से सम्पन्न हैं तथा इंद्रजाल, जादू, वशीकरण, मारण, स्तंभन इत्यादि कर्म चौंसठ योगिनी मंत्र (Chaunsath Yogini Mantra) द्वारा ही सफल हो पाते हैं ।
मुख्य रूप से आठ योगिनियां हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं :- 1.सुर-सुंदरी योगिनी, 2.मनोहरा योगिनी, 3. कनकवती योगिनी, 4.कामेश्वरी योगिनी, 5. रति सुंदरी योगिनी, 6. पद्मिनी योगिनी, 7. नतिनी योगिनी और 8. मधुमती योगिनी ।
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चौंसठ योगिनियों के नाम :
1.बहुरूप, 3.तारा, 3.नर्मदा, 4.यमुना, 5.शांति, 6.वारुणी 7.क्षेमंकरी, 8.ऐन्द्री, 9.वाराही, 10.रणवीरा, 11.वानर-मुखी, 12.वैष्णवी, 13.कालरात्रि, 14.वैद्यरूपा, 15.चर्चिका, 16.बेतली, 17.छिन्नमस्तिका, 18.वृषवाहन, 19.ज्वाला कामिनी, 20.घटवार, 21.कराकाली, 22.सरस्वती, 23.बिरूपा, 24.कौवेरी, 25.भलुका, 26.नारसिंही, 27.बिरजा, 28.विकतांना, 29.महालक्ष्मी, 30.कौमारी, 31.महामाया, 32.रति, 33.करकरी, 34.सर्पश्या, 35.यक्षिणी, 36.विनायकी, 37.विंध्यवासिनी, 38. वीर कुमारी, 39. माहेश्वरी, 40.अम्बिका, 41.कामिनी, 42.घटाबरी, 43.स्तुती, 44.काली, 45.उमा, 46.नारायणी, 47.समुद्र, 48.ब्रह्मिनी, 49.ज्वाला मुखी, 50.आग्नेयी, 51.अदिति, 51.चन्द्रकान्ति, 53.वायुवेगा, 54.चामुण्डा, 55.मूरति, 56.गंगा, 57.धूमावती, 58.गांधार, 59.सर्व मंगला, 60.अजिता, 61.सूर्यपुत्री 62.वायु वीणा, 63.अघोर और 64. भद्रकाली ।
।।Chaunsath Yogini Mantra ।।
१. ॐ काली नित्य सिद्धमाता स्वाहा
२. ॐ कपलिनी नागलक्ष्मी स्वाहा
३. ॐ कुला देवी स्वर्णदेहा स्वाहा
४. ॐ कुरुकुल्ला रसनाथा स्वाहा
५. ॐ विरोधिनी विलासिनी स्वाहा
६. ॐ विप्रचित्ता रक्तप्रिया स्वाहा
७. ॐ उग्र रक्त भोग रूपा स्वाहा
८. ॐ उग्रप्रभा शुक्रनाथा स्वाहा
९. ॐ दीपा मुक्तिः रक्ता देहा स्वाहा
१०. ॐ नीला भुक्ति रक्त स्पर्शा स्वाहा
११. ॐ घना महा जगदम्बा स्वाहा
१२. ॐ बलाका काम सेविता स्वाहा
१३. ॐ मातृ देवी आत्मविद्या स्वाहा
१४. ॐ मुद्रा पूर्णा रजतकृपा स्वाहा
१५. ॐ मिता तंत्र कौला दीक्षा स्वाहा
१६. ॐ महाकाली सिद्धेश्वरी स्वाहा
१७. ॐ कामेश्वरी सर्वशक्ति स्वाहा
१८. ॐ भगमालिनी तारिणी स्वाहा
१९. ॐ नित्यकलींना तंत्रार्पिता स्वाहा
२०. ॐ भेरुण्ड तत्त्व उत्तमा स्वाहा
२१. ॐ वह्निवासिनी शासिनि स्वाहा
२२. ॐ महवज्रेश्वरी रक्त देवी स्वाहा
२३. ॐ शिवदूती आदि शक्ति स्वाहा
२४. ॐ त्वरिता ऊर्ध्वरेतादा स्वाहा
२५. ॐ कुलसुंदरी कामिनी स्वाहा
२६. ॐ नीलपताका सिद्धिदा स्वाहा
२७. ॐ नित्य जनन स्वरूपिणी स्वाहा
२८. ॐ विजया देवी वसुदा स्वाहा
२९. ॐ सर्वमङ्गला तन्त्रदा स्वाहा
३०. ॐ ज्वालामालिनी नागिनी स्वाहा
३१. ॐ चित्रा देवी रक्तपुजा स्वाहा
३२. ॐ ललिता कन्या शुक्रदा स्वाहा
३३. ॐ डाकिनी मदसालिनी स्वाहा
३४. ॐ राकिनी पापराशिनी स्वाहा
३५. ॐ लाकिनी सर्वतन्त्रेसी स्वाहा
३६. ॐ काकिनी नागनार्तिकी स्वाहा
३७. ॐ शाकिनी मित्ररूपिणी स्वाहा
३८. ॐ हाकिनी मनोहारिणी स्वाहा
३९. ॐ तारा योग रक्ता पूर्णा स्वाहा
४०. ॐ षोडशी लतिका देवी स्वाहा
४१. ॐ भुवनेश्वरी मंत्रिणी स्वाहा
४२. ॐ छिन्नमस्ता योनिवेगा स्वाहा
४३. ॐ भैरवी सत्य सुकरिणी स्वाहा
४४. ॐ धूमावती कुण्डलिनी स्वाहा
४५. ॐ बगलामुखी गुरु मूर्ति स्वाहा
४६. ॐ मातंगी कांटा युवती स्वाहा
-४७. ॐ कमला शुक्ल संस्थिता स्वाहा
४८. ॐ प्रकृति ब्रह्मेन्द्री देवी स्वाहा
४९. ॐ गायत्री नित्यचित्रिणी स्वाहा
५०. ॐ मोहिनी माता योगिनी स्वाहा
५१. ॐ सरस्वती स्वर्गदेवी स्वाहा
५२. ॐ अन्नपूर्णी शिवसंगी स्वाहा
५३. ॐ नारसिंही वामदेवी स्वाहा
५४. ॐ गंगा योनि स्वरूपिणी स्वाहा
५५. ॐ अपराजिता समाप्तिदा स्वाहा
५६. ॐ चामुंडा परि अंगनाथा स्वाहा
५७. ॐ वाराही सत्येकाकिनी स्वाहा
५८. ॐ कौमारी क्रिया शक्तिनि स्वाहा
५९. ॐ इन्द्राणी मुक्ति नियन्त्रिणी स्वाहा
६०. ॐ ब्रह्माणी आनन्दा मूर्ती स्वाहा
६१. ॐ वैष्णवी सत्य रूपिणी स्वाहा
६२. ॐ माहेश्वरी पराशक्ति स्वाहा
६३. ॐ लक्ष्मी मनोरमायोनि स्वाहा
६४. ॐ दुर्गा सच्चिदानंद स्वाहा
चौंसठ योगिनी मंत्र (Chaunsath Yogini Mantra) कि सिद्धि किसी जोग्य गुरु कि देख रेख में करना सही रहेगा , यह Chaunsath Yogini Mantra केबल आपके जानकारी के लिए यंहा दिया गया है ।
हिडिम्बा साधना
