Vashikaran Tootke

राजा बशीकरण मंत्र

Raja Vashikaran Mantra : मंत्र : “ॐ नमो भास्कराय त्रिलोकात्मने अमुकं महीपतिं में बशं कुरु कुरु स्वाहा ।” यह मंत्र एक लाख बार जपने से सिद्ध होता है । मंत्र में जिस स्थान पर अमुक शव्द का प्रयोग हुआ है वँहा पर जिस राजा को बश में करना हो, उसके नाम का उचारण करना चाहिए । मंत्र (Raja Vashikaran Mantra) सिद्ध हो जाने पर जब प्रयोग करना हो, तब प्रयोज्य बस्तुओं को सिद्ध मंत्र द्वारा 108 बार अभिमंत्रित करके प्रयोग में लाना चाहिए । उक्त मंत्र द्वारा अभिमंत्रित की जाने बाली बस्तुओं और ऊनकी प्रयोग –बिधि के बिषय में नीचे लिखे अनुसार समझना चाहिए –

Raja Vashikaran Mantra Prayog : (1) कुंकुम, लाल चन्दन, कपूरी और तुलसी –इन सबको गाय के दूध में पीसकर, अभिमंत्रित कर, मस्तक पर तिलक लगाकर राजा के समीप पहुंचा जाए तो राजा उसे देखकर बशीभूत हो जाता है ।

(2) सुदर्शन की जड़ को अभिमंत्रित कर, हाथ में बाँधकर राजा के पास जाने से बशीभूत होता है ।

(3) पुष्य नक्षत्र में सिंही की जड़ लेकर उसे मंत्र से अभिमंत्रित कर अपनी कमर में बाँधकर राजा के पास जाने से बशीभूत होता है ।

(4) चन्दन, कुंकुम, गोरोचन और कपूर को घोंटकर, अभिमंत्रित कर तिलक लगाकर उपरीस्त कर्मचारी या बॉस के पास जाने से बशीभूत होता है ।

(5) पुष्य नक्षत्र बाले रबिबार को अपामार्ग (औंगा) का बीज लाकर उसे अभिमंत्रित करके, सम्राट (Higher Officer) के खाने पीने की किसी बस्तु में मिलाकर खिला –पिला दें, तो सम्राट बशीभूत हो जाता है ।

1st Raja Vashikaran Mantra : मंत्र – “ॐ नमो भास्कराय त्रिलोकात्मने अमुकं महीपतीं में बश्यं कुरु कुरु स्वाहा ।”

Prayog Vidhi : यह मंत्र 1008 बार जप करने से सिद्ध होता है । मंत्र के सिद्ध हो जाने पर रबिबार के दिन औगा (अपामार्ग) के फूल लाकर, उन्हें इस मंत्र से 21 बार अभिमंत्रित कर जिस को खिला दें तो वह बशीभूत हो जाय ।

2nd Raja Vashikaran Mantra : मंत्र – “ॐ क्लीं सह अमुकं में बशं कुरु कुरु स्वाहा ।”

Prayog vidhi : यह मंत्र एक लाख बार जपने से सिद्ध होता है । सिद्ध हो जाने पर केशर, चन्दन, गोरोचन और कपूर को गाय के दूध में घिस लें तथा उक्त मंत्र को एक हजार बार पढ़कर अभिमंत्रित करें । फिर उसका तिलक लगाकर जिस के पास जाये, तो बह देखते ही बशीभूत हो जाये । मंत्र में जँहा अमुक शव्द आया है, बंहाँ जिसको वश में करना हो उनके नाम का उचारण करना चाहिए ।

दूसरों तथा स्वयं की सुख –शान्ति चाहने बालों के लिए ही यह दिया गया है । इसमें दिए गये यंत्र, मंत्र तथा तांत्रिक साधनों को पूर्ण श्रद्धा तथा बिश्वास के साथ प्रयोग करके आप अपार धन –सम्पति, पुत्र –पौत्रादि, स्वास्थ्य –सुख तथा नाना प्रकार के लाभ प्राप्त करके अपने जीबन को सुखी और मंगलमय बना सकते हैं ।

पत्नी गुस्से से मायके चली गई है तो क्या करें ?

Patni Gusse Se Mayke Chali Gayi Hai Toh Kya Karein ? पत्नी के साथ सजीब और सुखद जीबन केलिए सहमति बनाए रखना एक महत्वपूर्ण कला है । एक सजीब और ख़ास रिश्ते को बनाए रखने केलिए , यह महत्वपूर्ण है की आप उनको मनाने का तरीका सीखे ।

यदि आपकी प्रेमिका ने आपको छोड़कर चली गई है या आपकी पत्नी गुस्सा करके मायके चली गई है तो (Patni Gusse Se Mayke Chali Gayi Hai Toh) , यह स्थिति कठिन हो सकती है । इस समस्या का सामना करने के लिए यंहा हम आपको कुछ बिशेष बात बातायेंगे जिसे आप अपनी प्रेमिका या पत्नी को मना कर बापस आप उनका प्यार पा सकते हो और एक खुशहाली बैबाहिक जीबन जी सकते हो , तो चलिये और निम्न लिखित कदम पर ध्यान दीजिये …

ऎसे समय में निराश होने की बजाय कुछ सामान्य टोटके भी आजमाए जा सकते हैं । यह ऎसे टोटके हैं जिन्हें प्राचीन काल से आजमाया जाता रहा है । कुछ टोटकों की मदद से आप अपनी प्रमिका का प्यार पा सकते हैं और पत्नी को खुश कर सकते हैं।

-प्रेमिका नाराज हो गई है तो किसी तरह उन्हें मनाकर उनके साथ खाने पर जाएं । खाना खाने के दौरान चुपके से अपनी थाली में से थोड़ा भोजन अपनी साथी के भोजन में रख दें। इससे दोनों में प्रेम बढ़ेगा। -केला में गोरोचन मिलाकर लेप बनाएं। इस लेप को सिर पर लगाएं। माना जाता है कि ऎसा करने से व्यक्ति में आकर्षण शक्ति आ जाती है। -सफेद मदार यानी आक की जड़ को सफेद चंदन के साथ घिसें , इस लेप को पुरूष अपने मस्तक पर लगाएं, प्रेम संबंध बना रहेगा।

-अनार के पांचों अंग- फल, फूल, जड़, पत्ता और छाल को सफेद घुंघुची के साथ पेस लें और इस लेप का तिलक लगायें। इस उपाय से प्रेमिका या पत्नी का प्रेमी या पति भटकाव से बचा रहता है। -तुलसी के बीज को सहदेई के रस में पीसकर लेप तैयार करें। इस लेप का पुरूष तिलक करें। पत्नी या प्रेमिका आपको हमेशा पलकों पर रखेंगी। -प्रति दिन भागवना कृष्ण की पूजा करने से भी अपनी प्रेमिका को पाया जा सकता है। इसके लिए सुबह जल्दी नहाकर भगवान श्रीकृष्ण को जल चढ़ाएं। हो सके तो गायों को चारा भी खिलाएं।

-शंखाहुली, सिरस और राई को सफेद गाय के दूध के साथ मिलाकर लेप तैयार करें। लेप को शरीर में लगाकर गर्म पानी से स्नान करें, स्नान के बाद केसर का तिलक लगाएं। इस उपाय से आपकी पत्नी या प्रेमिका कभी आपको छोड़कर नहीं जाएगी।

अघोर जय बिजय वशीकरण प्रयोग

Aghor Jai Bijay Vashikaran Prayog : अघोर जय बिजय वशिकरण प्रयोग एक जादुई छड़ी जैसे काम करता है , यह वशीकरण प्रयोग से आप किस्सी बड़े से बड़े दुश्मन को पलक झपते हुए हरा सकते हो। कंही अकेला किसी घोर जंगल में जाना पड़े तो हिंस्र पशु जानवर से खुद को सुरक्षित भी कर सकते हो । इस प्रयोग के बल से आप राजदरबार में सन्मानित होने के साथ साथ सबका प्रिय पात्र भी बन सकते हो ।

Aghor Jai Bijay Vashikaran Prayog Vidhi : इस अघोर जय बिजय वशिकरण (Aghor Jai Bijay Vashikaran Prayog) लेख में यंहा आप सबके लिए कुछ अचूक वशीकरण उपाय दे रहा हूँ ..,जिसको उपयोग करके आप अपना जीबन शैली में सुधार लाने में सक्षम हो सकते हो । तो चलिए साधना की रास्ते पर आगे बढ़ते हैं …

(क) उतराफल्गुनि,उतराषाढा या उतराभाद्रपदा नक्षत्र मे सबेरे ही पीपल की जड उखाड कर हाथ मे धारण करने से राजदरबार ब सभि स्थानो मे जय होती है।

(ख) पुश्यानक्षत्र मे गाजुबाकी जड,अप्मार्ग की जड उखाडकर सिरपर धारण करने से मुकदमे जीत होती है।

(ग) शुक्ल पख्यके समय पुश्यानक्षत्र मे चोटली की जड उखाडकर सिरपर और बिस्तरे पर रखने से चोर का भय जाता रहता है।

(घ) अश्लेशा नक्षत्र मे आमले की जड लाकर हाथमे बांधनेसे चोर ,ब्याघ्र और राजाका भय नहि रह्ता।

(ङ) अंकोल फल के तेल के साथ आमलेका चुरन मिलाकर हाथी के अंग में लगादे तो मतबाला हाथी भी वश मे हो जाएगा।

(च) हस्त नक्षत्र मे चछुंदर मारकर उसे पीस डाले और अंग में लगाने से हाथी भी भाग जायेगा।

अघोर आकर्षण प्रयोग

Aghor Aakarshan Prayog : जन्म देना सौभाग्य है। जन्म लेना उससे भी बड़ा सौभाग्य है । मिटा देना दुर्भाग्य है । जब जन्म देने की क्षमता न हो , तो मिटाना कैसा । जो कोई मिटाएगा ,बह स्वयं एक दिन मिट जाएगा । अत: रचनाकार होना सौभाग्य है । रचना को नष्ट करना घोर पापपूर्ण अपराध।

प्रस्तुत लेख में ये दर्शाया गया है , अघोर आकर्षण प्रयोग (Aghor Aakarshan Prayog) एक एसा षट्कर्म बिधि है , जिसको उपयोग करके आप अपना और दूसरा का भी भला कर सकते हो । इसका यानी अघोर आकर्षण प्रयोग मंत्र का दुरूपयोग करके किसका हानि करना मन में मत सोचा करो नही तो इसका भुगतान करने केलिए स्वयं प्रस्तुत हो जाना । ज्ञानार्जन करना कोई बुराई कर्म नहीं है ।बुराई के रास्ते चलना सर्ब प्रकार का घोर अपराध है । बुरी प्रब्रुतियाँ मानब को अन्धकार में ले जाती है और घोर पीडाएं देती है । साधना करना श्रेष्ठ है । यदि निष्कामभाब से भगबती की साधना सरल ह्रदय से नियमित भी की जाती रहे , तो भगबती माँ अपने साधक की अचित रूप में हर प्रकार से शीघ्रातिशीघ्र रक्षा करते हुए कल्याण ही करेंगी ।

साधक को चाहिए की बाल भाब से केबल अपनी इष्ट देबी की साधना सीधे और सरल मन से करे, तो साधक का , उसकी पीढ़ियों का कल्याण तो होगा ही , साथ ही आशीर्वाद स्वरूप बह जो कुछ समाज को देगा , इस समाज का भी भला होगा ।प्रस्तुत अघोर आकर्षण प्रयोग (Aghor Aakarshan Prayog) का सार संक्षेप यही सन्देश है । भूल मत कर बैठना , बिना किसी गुरु और योग्य साधक के इसके प्रयोग आदि करने की । इसका किसी भी प्रकार का उत्तरदायित्व हमारा नही है , क्यूँ न सारे अघोर क्रिया साधना में अघोर पंथ का कुछ न कुछ नियम बिधि होता है ..जो अघोर साधक को भली भांत याद होता है ..तो लास्ट में ये कहूँगा किसी प्रकार की लालच में आकर कुछ गलत ना कर बसे । यंहा पर कुछ अघोर आकर्षण प्रयोग (Aghor Aakarshan Prayog) का बिधि टोटके दे रहा हूँ ताकि आप इसका उपयोग करके खुद का और दुसरे के भला कर सकते हो ।

Aghor Aakarshan Prayog Vidhi : (क) अश्लेषा नक्षत्रमे अर्जुनवृक्ष की जड लाकर बकरी के मुत्रमे पीसे! यह दवाई किसी स्त्रीके माथेपर लगा दे तो तत्काल उस स्त्रीका आकर्षण हो जायेगा.

(ख) जौंक और केऔटि सांप मारकर सुखाबे और पीस डाले, फिर जंबीरी निम्बुकी लकडी झौज्लाय्कर धूप देनेसे आकर्षण होजाता है.

(ग) जिसको आकर्षण करना हो उसके पांव तलेकी मटी,क्रूक्लासका रुधिर इन दोनोको मिलाकर एक मुर्ति बनावे.फिर इस मुर्तिकी छातिमे क्रूक्लासके रुधिरसे जिस्को आकर्षण करना हो उस्का नाम लिखे. फिर उस मुर्ति को नालिमे रख्कर पेसाब करे. इस क्रियाके करने से अगर स्त्री 400 कोस दुर होगि तो बह भि वशमे आजायगी और चली आयेगी. इस क्रियाके साधने को नीचे लिखा हुआ मंत्र चार लाख जपना चाहिये.

Aghor Aakarshan Prayog Mantra : मंत्र : “ऑम घुं घुं ता आक्रुस्टिकर्ता ष्रुसटी पुरी अमुकी बरो ह्रीं ह्रीं !”

चमत्कारी अघोरी वशिकरण प्रयोग

Chamatkari Aghori Vashikaran Prayog : इंद्रजाल बिद्या से बहुत ताकत पैदा हो जाति है। अघोरी वशिकरण प्रयोग (Aghori Vashikaran Prayog) बहुत प्रकारके है । पह्ले तो हम दो एक दृष्टांत और उपाय निचे लिख्ते हैं। तंत्रो मे अघोरी वशिकरण प्रयोग (Aghori Vashikaran Prayog) के ईतने उपाय लिखे हैं कि अगर सबको लिखे तो एक बडि काहानि हो जाबे। शैब संप्रदाय में साधना की एक रहस्यमयी शाखा है अघोरपंथ। अघोरी की कल्पना की जाए तो शमशान में तंत्र क्रिया करने बाले किसी ऐसे साधू की तस्बीर मस्तिष्क में उभरती है , जिसकी बेशभूषा डराबनी होती है। अघोरियों की पहचान यहीं है कि बे किसी से कुछ मांगते नहीं है और सबसे बड़ी बात यह है कि बे तब ही संसार में दिखाई देते है , जब बे पहले से नियुक्त श्मशान जा रहे हो या बहाँ से निकल रहे हों।

अघोर बिद्या सबसे कठिन लेकिन तत्काल फलित होने बाली बिद्या है। साधना के पूर्ब मोह -माया का त्याग जरुरी है। मूलत: अघोरी उसे कहते हैं , जिसके भीतर से अछे -बुरे , सुगंध -दुर्गन्ध , प्रेम -नफ़रत , इर्षा – मोह जैसे सारे भाब मिट जाएँ।

अघोरी साधकों हेतु अघोरी वशिकरण तंत्र के प्रारंभ में शिब साधना और वशिकरण यंत्र का बिधिबत पूजा करना चाहिए , इसकी साधना से साधक की हर मनोकामना पूर्ण होगी तथा किसी भी प्रकार की दुष्परिणाम से सुरक्षा करने में यह यंत्र और पूजा सक्षम है । पूजा बिधि बिधान से करने की बाद भोलेबाबा से अपना इच्छा प्रकट करना है और उनसे आज्ञा प्राप्त करने की बाद आप वशिकरण प्रयोग (Aghori Vashikaran Prayog) में हाथ डालना चाहिए और एक बात यहाँ सपष्ट करता हूँ , अपना हित में नहीं जन हित में अघोरी वशिकरण बिद्या प्रयोग करना चाहिए।

Aghori Vashikaran Prayog Vidhi : बशिकरण का अर्थ है किसी अन्य ब्यक्ति को अपने अनुकूल बना लेना या उसे अपनी इच्छा अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य कर देना है। ये कार्य सामान्य रूप से अघोरी तंत्र मंत्र एबं भूत -प्रेत की सहायता से किया जाता है।

Aghori Vashikaran Prayog Totka : यह बशिकरण टोटका और मंत्र कई जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकता है और इसका तत्काल परिणाम मिलता है। सबसे पहले आप गधे के २७ दांत इकट्ठा करे और घोड़े के बालों के साथ इन दांतों को भून लें , प्रात: पूर्ब की और बैठते हुए और नीचे लिखे मंत्र को दोहराएँ।

Aghori Vashikaran Prayog Mantra : मंत्र : “ॐ नमो भूतनाथ समस्त भुबन , भूटानी साध्य हूँ “ मंत्र एक दिन में ३ बार १०१ -१०१ करके दोहराया जाना चाहिए। उसके बाद इस मंत्र से ऊर्जा मिल जाने पर आपका काम साध्य हो जाएगा।

(a) पेठा (भुमिकुस्मंड) और बडके पेडकी जड पानी के साथ घिसकर माथेपर तिलक लगाने से त्रिलोकी के जीब वश हो जाते हैं।

(ब) पुष्या नक्षत्रमे पुनर्नवा की जड और रुद्रदंण्डी की जड उखाडे । ईन दोनो जडो को एक साथ हाथो मे बांधने से सब जगह पुजित होता है! ईसके बांधने के समय “ओम ओम पूरं ख्योभय” इत्यादि मंत्र सात बार पढे ।लेकिन पह्ले बीस हज़ार बार इस मंत्रका जप कर लेना चाहिये ।

(c) हबा से उडे हुए, पते, मजिठ, अर्जुन पेड और तगर ईन सब बस्तुओ को बराबर ले जिसके अंग से छुआ दोगे, बही बश मे आ जायेगा।

(d) मजिष्ठ ,केशर ,घीकुआर ,ईम्ली, चिताकी भस्म और अपना रुधिर ईक्ठा कर अपने बिर्य मे भिगो गोलिया बनाबे। अगर यह गोली राजा के शरीर से लगाबे तो बह भी बश मे हो जायेंगे । (e) चंद्रग्रहण के समय सफेद अपराजिता की जड अपने स्वमीके उडंग्मे लगादे, बह बश हो जायेगा।

(f) रबिबार को चमेली की लकड़ी लें और जायफल और राल के साथ मिश्रण बना लें । फिर दूध के साथ मिश्रण करके एक गोली बना लें ! यह मिश्रण उस महिला को दें। जब बह यह खाएगी तो बशिकरण टोटका उस पर हाबी हो जाएगा और बो आपके प्रभाब में आ जायेगा ।

अघोर मोहिनी उपाय

Aghor Mohini Upay :

यह अघोर मोहिनी उपाय (Aghor Mohini Upay) से आप किसी भी आदमी को वश में कर सकते हो । यह अघोर बिधि बिधान के साथ करने की पश्चात उसका परिणाम स्पष्ट दिखाई देने लगता है । यह प्रयोग से आप शत्रु को अनुकूल करबा सकते हो। चाहे तो आप अपने घर के सदस्य की बिच मतभेद को दूर कर सकते हो या आपके ऑफिस की स्टाफ की ऊपर प्रयोग करके आपके साथ जो शत्रुता था , वो दूर करके आप खुसी खुसी जीबन बिता सकते हो। यंहा पर कुछ अनोखा टोटका की ऊपर चर्चा कर रहे हो , जो आप निसंदेह प्रयोग कर सकते हो …

Aghor Mohini Upay Totka : (क) गुड ,कंजुये के बीज, काठका भुना हुआ आटा एक करे। इसकी धुनी दे तो आदमी मोहित हो जाय। (ख) दुसरी घास मे चली गइ हुइ जोक की बिष्ठा ,अजगर की बिष्ठा इक्टठा कर धूप देने से सब प्राणी मोहित हो जाते है। (ग) गोखरु, सालके फल, चीता, मैनसिल ,बाल, लांडग्लिका ( एक प्रकार बिष ), अपमार्ग की जटा यह सब चीजे बराबर ले धूप देने से हरेक मनुष मोहित हो जायेगा।

किसी शुभ मुहूर्त ग्रहणकाल , होली, दिपाबली , दशहरा में इस टोटका (Aghor Mohini Upay) को अघोर बिधि बिधान से आजमा सकते हो । इन उपायो से नर नारियो को मोहित किया जासक्ता है। उस समय उंनको कोइ ज्ञान नही रहता। किंन्तु इन नशो के दुर करनेका भी उपाय है। गायका घी और धूप मिलाकर धूप दे ,सुंघते ही मोहित पुरुष साबधान हो जायगा ।