आसन सिद्धि मंत्र

Aasan Siddhi Mantra : मंत्र : “ॐ आसन ईश्वर ,आसन इंद्र, आसन बैठे गुरु गोविन्द। अज्र आसन बज्र कपाट ,अज्र जुड़ा पिंड सोहं द्वार । जो घोले अज्र पर घाब ,उलट बीर बाही को खाब । आसन बैठे गुरु रामानन्द, दोऊ कर जोड़ आसन की रक्षा करें। देब 33 कोटि देबता रक्षा करें । काया आसन बैठे लक्ष्मण यति ।सोहं गोविन्द पढ़ी आसन पर । ॐ रं सोहं मन की भर्मना दूरि खोये । रात्री राखे चन्द्रमा ,दिन को राखे भानु। धरती माता सदा राखे, कालि कंटक दूरी भागे। करेगा सो भरेगा , भक्त जनों की रक्षा बीरहनुमान करेगा ।।”
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Aasan Siddhi Mantra Vidhi : इस मंत्र (Aasan Siddhi Mantra) का सर्बप्रथम साधक शुभ मुहूर्त में बिधि पूर्बक जप कर सिद्ध करें ।फिर कोई भी कार्य करते समय आसन पर बेठने से पहले अपने आसन पर इस मंत्र का जप करते हुए फूंक मारकर बेठने पर कोई भी बाधा कार्य को तथा साधक को तंग नहीं करती ।
घाब का बिष नाशक मंत्र

Ghaab Ka Bish Naashk Mantra : मंत्र : “गोरा बलद, कज्जलियाँ आखीं। सत सुक्के , सत द्वार । खडा हो जा बिषा निराधार । धारा चले , धुकारा चले । महादेब दीया कारा चलै, जमालां देया नाग –देबता जहर बसैहर ,तेरे सते ते निर्बिष । गूगे छत्रिया ,तेरे सो ते निर्बिष।।”
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Ghaab Ka Bish Naashk Mantra Vidhi : इस मंत्र को साधक पहले किसी शुभ मुहूर्त पर एक हजार बार जप कर सिद्ध कर लें । पश्चात् किसी घाब या फोड़े में शोथ या सूजन आ जाए, इस समय काली भेड की उन का डोरा लेकर उक्त मंत्र पढ़ते हुए एक गाँठ लगाए । इस तरह सात गाँठ लगाकर उन के डोरे को रोगी को पहना दें । इससे रोगी को तुरंत पीड़ा से राहत मिलती है और घाब भी सुखने लगता है ।
हस्त रेखा सिद्धि हेतु पंचांगुली देबी मंत्र

Hast Rekha Siddhi Hetu Panchanguli Devi Mantra : मंत्र : “ॐ नमो पंचांगुली, पंचांगुली। पराशरी पराशरी, माता मंगल बशीकरणी। मोह मय दण्ड मणिनी, चौसठ काम बिहण्डनी। रणमध्ये, राउल मध्ये, शत्रु मध्ये, दीबान मध्ये, भूत मध्ये, प्रेत मध्ये, पिशाच मध्ये, झोटिंग मध्ये, डाकिनी मध्ये, शाकिनी मध्ये, यक्षिणी मध्ये, दोषणी मध्ये, शेकणी मध्ये, गुणी मध्ये, गारुडी मध्ये, बिनारी मध्ये, दोष मध्ये, दोषाशरण मध्ये, दुष्ट मध्ये। घोर कष्ट मुझ ऊपर बुरो जो कोई कराबे, जड जडाबे ततचिन्ते चिन्ताबे। तस माथे श्री माता पंचांगुली देबी तणो बज्र निर्धार पडे। ॐ ठ: ठ: ठ: स्वाहा ।।”
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Panchanguli Devi Mantra Vidhi :
इस मंत्र की सिद्धि से हस्त रेखाओं द्वारा जन्म कुण्डली बनाने में सहायता प्राप्त होती है। मंत्र जप से पहले साधक ध्यान मंत्र जप लें ।
Panchanguli Devi Mantra Dhyan :
ॐ पंचांगुली महादेबी, श्री सीमन्धर शासने।
अधिष्ठात्री करस्यासौ, शक्ति: श्रीत्रिदशोशितु: ।।
पंचांगुली देबी का षोडशोपचार पूजन कर उक्त पंचांगुली देबी मंत्र (Panchanguli Devi Mantra) का जप करें । इस पंचांगुली देबी मंत्र साधना (Panchanguli Devi Mantra Sadhna) को कार्तिक मास में हस्त नक्षत्र में प्रारम्भ कर मार्ग शीर्ष मास के हस्त नक्षत्र में पूर्ण करें । साधना काल में ब्रह्माचर्य ब्रत का पालन कर एक सौ आठ बार मंत्र जप एबं पंचमेबा की दस आहुतियां प्रतिदिन करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है । तदनन्तर प्रतिदिन सात बार हाथ को उक्त मंत्र से अभिमंत्रित कर उसे समस्त अंगों पर फेर लिया करें। इससे देबी कृपा द्वारा साधक को हस्त रेखा द्वारा तथा जन्म कुण्डली बनाने में पर्याप्त सफलता सहायता प्राप्त होती है ।
बाबा नानक जी का साबर मंत्र

Baba Nanak Ji Ka Sabar Mantra : मंत्र : “ॐ सत नाम का सभी पसारा, धरम गगन में जो बर तारा। मन की जाय जहाँ लगि आखा, तहं सत नाम की राखा। अन्नपूरना पास बैठाली, गई थुडो भई खुसाली। चिंन्तमणि कलप-तराये काम धेनु को साथ लियाए, आया आप कुबेर भण्डारी। साथ लक्ष्मी आज्ञाकारी। सत्-गुरू पूरन किया सबारथ। बिच आ बइठे पांच-पदारथ। शखा ब्रह्मा बिशनु महेस, काली भैरो हनु गनेस। सिध चौरासी अहै नब-नाथ, बाबन बीर जती चौसठा धाकन गगन पिरथबी का बासन रहे, अम्बोल न डोले आसन शाखा हुबा। आप निरंकार थुडो भाग गई, समुन्दरो पार अतुल भण्डार, अखुत अपार। खात खरचत कुछ होय न ऊंना, देब देबाये दूना चौना, गुरू की झोली मेरे हाथ, गुरू-बचनी बन्धे पंच तात। बे अण्ट बे-अण्ट भण्डार, जिनकी पैज रखा करतार। मन्तर अन्नपूर्णा जी का सम्पूरन भया, बाबा नानक जी का। गुरू के चरन कमल को नमश्ते नमस्ते नमस्ते।।”
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Baba Nanak Ji Ka Sabar Mantra Vidhi : किसी भी प्रकार के सांसारिक कष्ट में यह मंत्र (Baba Nanak Ji Ka Sabar Mantra) जल की कटोरी को सामने रख्कर, धूप जलाकर, शुद्ध मन एबं श्रद्धा से पांच बार प्रतिदिन प्रात: काल पढा करे तो बह कष्ट दूर होता है ।
शुकर चूहा भगाने का मंत्र

Shukar Chuha Bhagane Ka Mantra : मंत्र :”हनिबत धाबति उदरहि, ल्याबे बांधि अब खेत, खाय सूअर घरमा रहे, मूस खेत घर छाडि बाहर, भूमि जाई दोहाई हनुमान के, जौ अब खेतमंह सूबर, धरम हुं गुम जाई।।”
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Shukar Chuha Bhagane Ka Mantra Vidhi : यह मंत्र दीपाबली को या ग्रहण में सिद्ध किया जाता है पबित्र होकर नियम सहित भेंट चढाकर १०१ बार जप कर सिद्ध करें । इस मंत्र को ११ बार पढकर ५ गांठ हल्दी और अक्षत जहाँ सूअर-मूसे आबें बहाँ पर फेंकने से चूहा-सुअर का स्तम्भन हो जाता है ।
कडाही बांधने का शाबर मंत्र उपाय

Kadahi Bandhne Ka Shabar Mantra Upay : मंत्र : “ओं नमो जल बांधू जलबाई। बांधू बांधू कुबां बाबडी। नौ सौ गाब का बीर बुलाउ। बांध तेल कडाही। जती हनुमन्त की दुहाई। श्वद सांचा पिण्ड कांचा। फुरो मंत्र ईश्वरो बाचा। सत्य नाम आदेश गुरू को।।”
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Kadahi Bandhne Ka Shabar Mantra Vidhi : दीपाबली की रात्रि में इस मंत्र को १०००१ बार जप कर सिद्धि कर लें । जप पूरा करने के बाद में काम में लाबें । जब प्रयोग में लाना हो तो रास्ते से ७ कंकड लेकर एक –एक कंकड को ७ बार मंत्र से अभिमंत्रित करके कड़ाही पर मारें । तो चाहे जितना लकडी या कोयला जलाये कड़ाही गरम न होगी ।
सर्ब रोगादि दोष दूर करने का शाबर मंत्र

Sarb Rogadhi Dosh Door Karne Ka Shabar Mantra :
मंत्र : “ॐ नमो आदेश गुरु को।
गिरह बाज नटनी का जाया।।
चलती बेर कबूतर खाया।
पीबै दारू, खायजु मांस।।
रोग दोष को लाबै फांस।
कहाँ-कहाँ से लाबेगा।।
गुदा मे सुं लाबेगा।
नौ नाडी।। बहन्तर कोडा।
सुं लाबेगा।।
मार –मार। बन्दी कर-कर लाबेगा।।
ना लाबेगा तो अपनी माता की शैय्या।।
पर पांब धरेगा। मेरा भाई।।
मेरा देखा।दिखलाया तो।।
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति।।
फुरे मंत्र ईश्वरोबाचा।।”
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Sarb Rogadhi Dosh Door Karne Ka Shabar Mantra Vidhi इस मंत्र को सिद्ध करके जाप करते हुये रोगी ब्यक्ति का झाडा करें तो रोगी के सभी रोग समाप्त हो जाते हैं ।
अंधेपन निवारक प्रयोग

Andhepan Nivarak Prayog : जीवन का सफर अच्छे और बुरे दिनों का एक मिश्रण होता है। जब बुरे दिन आते हैं, तो मनुष्य को आत्मविश्वास और उत्साह में कमी हो सकती है। विभिन्न प्रकार की मानसिक स्थितियों के कारण अक्सर हमारा मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है और हम अंधाधुंध दिशा-हीनता का सामना कर सकते हैं । “अंधेपन निवारक मंत्र (Andhepan Nivarak Prayog)” का प्रयोग इसी तरह की स्थितियों में किया जाता है। यह मंत्र मानसिक शांति और सकारात्मकता को पुनः स्थापित करने में मदद कर सकता है। इसका उच्चारण और अभ्यास व्यक्ति को मानसिक दृढ़ता और साहस प्रदान कर सकता है ताकि वह अपनी मुश्किलों का सामना करने में सक्षम हो सके । अंधेपन निवारक प्रयोग (Andhepan Nivarak Prayog) एक विशेष प्रकार का तंत्रिक प्रयास होता है जो व्यक्ति को मानसिक अवसाद, असमंजस और आत्मविश्वास की कमी से बचाने में मदद कर सकता है। यह प्रयोग नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने और व्यक्ति को सकारात्मकता की ओर मोड़ने में मदद कर सकता है । मंत्र का उपयोग जिस किसी व्यक्ति को रात मै अंधेपन की बीमारी है वो प्रतिदिन २१ बार मोर पंख लेकर झाड़ा करे। जब तक दोष पूर्ण रूप से खत्म नहीं होता तब तक करना है ।
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Andhepan Nivarak Prayog Mantra : मंत्र : “!!ॐ नमो आदेश गुरुको-सत्यनाम श्रीराम काटे रतौंधी, जाय रतौंधी । ईश्वर महादेव की दुहाई । दुहाई गुरु गोरखनाथ की, दुहाई कालका माई की, रतौंधी जाय फिर न आय । आन महावीर की। श्री नाथ जी गुरुजी को आदेश आदेश !!” यदि हम इस मंत्र को नियमित रूप से अपने जीवन में शामिल करते हैं, तो हमारे मानसिक और आत्मिक विकास में सुधार हो सकता है और हम जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सफल हो सकते हैं। यह अंधेपन निवारक प्रयोग मंत्र हमें न केवल आत्म-संवाद में मदद कर सकता है, बल्कि यह हमें अपने पर्यावरण को भी सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने में मदद कर सकता है ।
मोहम्म्दापीर की सिद्धि मंत्र
