Satkarm Prayog
मारण हेतु नींबू बीर मंत्र

Maaran Hetu Nembu Beer Mantra :
मंत्र : “ख़म ख़म नींबू हसला घोड़ा ,पाट का डोर । देखों रें नींबू तेरी आन ।
नौ नाथ चौरासी सिद्ध की आन । फुरे मंत्र ईश्वरो बाचा ।।”
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Maaran Hetu Nembu Beer Mantra Vidhi :
इस मंत्र को बिधि से सिद्ध कर लें । यंहा मारण हेतु नींबू मंत्र की बिधि बताया नही गया है , आप किसी गुरु की सानिध्य में रहकर उनसे प्राप्त कर सकते हो । पुन: शनिबार की रात्री में तारों के उजाले में मंत्र पढ़कर सेही का काँटा नींबू में छेदे, फिर नींबू पर सिन्दूर चढ़ा लोहबान की धूप देकर कब्र में गडा दे तो शत्रु की मृत्यु हो ।
मुठ मारने हेतु मंत्र

Muth Marne Hetu Mantra :
मंत्र : “ॐ नमो बीर तो हनुमंत बीर ,भूरि मूठी चलाबै तीर ।
मैं की रुख नाखी तोडी, लोहु सोखि । मेरा बैरी तेरा भक्षीह ,तोडी
कलेजा चाख । सब धर्म की हाथई बजे धर्म की लाल में, बालि
तुम्हारे कहाँ गए । भूरे बाल उलटि पछाड, पछाड़े तो माता अंजनी
की आन । शव्द साँचा पिंड काँचा । फुरे मंत्र ईश्वरो बाचा ।।”
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Muth Marne Hetu Mantra Vidhi :
इस मंत्र की सिद्धि हेतु साधक होली खेलने से पहले बाली रात यानी पूर्णिमा की रात को नग्न होकर किसी निर्जन स्थान में इस मंत्र की दस माला जप करे । पुन: इस मंत्र का शक्तिकृत उड़द जिसे मारेंगे बही पछाड़ खाकर गिर पडेगा ।
शत्रु को मारने के लिए अत्यंत शक्तिशाली मंत्र

Shatru Ko Marne Ke Liye Atyant Shaktishaali Mantra :
अत्यंत शक्तिशाली शत्रु नाशक मंत्र :“ॐ सुरेश्वराय अमुक शत्रु संतति: बिनाशाय स्वाहा ।”
इस मंत्र को जपता हुआ मनुष्य सांप की हड्डी की चार अंगुल की कील लेकर भरणी नक्ष्त्र के दिन मृत्यु योग में ११०८ बार मंत्र से अभिमंत्रित करके जिस शत्रु के घर में रख दें तो संतति का नाश हो जाता है । अमुक के स्थान पर शत्रु का नाम लेना चाहिए ।
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मंत्र : ॐ नम: काल स्वाहा शत्रु (अमुक) भस्मी कुरु कुरु स्वाहा ।
यह अत्यंत शक्तिशाली मंत्र (Atyant Shaktishaali Mantra) ग्रहण काल में सबा लाख जपने से सिद्ध होता है । सिद्ध होने के बाद प्रयोग के समय इसका जप करे । जहाँ अमुक लिखा है बहाँ साध्य ब्यक्ति के नाम का उचारण करना चाहिए ।
मंत्र : ॐ नम: सर्बकाल संहाराय अमुकं हन हन ह्रीं फट स्वाहा ।
नीम के पेड़ की कील बनाकर उसमें शत्रु के सिर के बाल लपेटकर सात रात तक साध्य ब्यक्ति का नाम कील पर चिता के कोयले से लिखकर उसे धूप दे और कृष्ण पक्ष की अष्टमी से लेकर कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तक यह प्रयोग प्रतिदिन मंत्र जपे तो साध्य ब्यक्ति को प्रेत पकड़ लेता है ।
चेताबनी : भारतीय संस्कृति में मंत्र तंत्र यन्त्र साधना का बिशेष महत्व है । परन्तु यदि किसी साधक यंहा दी गयी मंत्र (Atyant Shaktishaali Mantra) द्वारा मारना साधना के प्रयोग में बिधिबत, बस्तुगत अशुद्धता अथबा त्रुटी के कारण किसी भी प्रकार की कलेश्जनक हानि होती है, अथबा कोई अनिष्ट होता है, तो इसका उत्तरदायित्व स्वयं उसी का होगा । उसके लिए उत्तरदायी हम नहीं होंगे । अत: कोई भी प्रयोग योग्य ब्यक्ति या जानकरी बिद्वान से ही करे। यंहा हम सिर्फ जानकारी के लिए दिया हुं ।
अग्नि स्तम्भन प्रयोग

Agni Stambhan Prayog :
अग्नि स्तम्भन मंत्र : “ॐ ह्रीं महिषमर्दिनी लह लह लह कठ कठ स्तम्भनं कुरु अग्नि देबाय स्वाहा ।”
इस मंत्र (Agni Stambhan Prayog Mantra) को 108 बार खैर काष्ठ को अभिमंत्रित कर अग्नि में डालें तो अग्नि स्तम्भित हो जाती है ।
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Agni Stambhan Prayog Mantra :
मंत्र : “ॐ नम: अग्निरुपाय में देहि स्तम्भन कुरु कुरु स्वाहा ।”
मेढक की चर्बी और घी गुबार को 108 बार उपरोक्त मंत्र पढ़कर लेप करें तो शरीर अग्नि से सुरक्षित होता है ।
. “ॐ नमो कोरा काराबायल सो भरिया, ले गौरी के शिर धरिया ईश्वर ढाले गौरा नहाय जलती अगिया शीतल हो जाय ।”
नये करबों में सात बार जल भर सात बार मंत्र पढ़कर जल का छींटा दे तो जहाँ तक छीटा जाता है बहाँ तक आग नहीं लगती है।
. अग्नि में घोडो का खुर और बेंत की जड़ डालो तो अग्नि से कपड़ा नहीं जलती है ।
. मुल्हट्टी बी भांगर का रस हाथ में लगाकर आग हाथ में उठा ले तो हाथ नही जलता है ।
. नौसादर ब कपूर हाथ में लगा के आग उठायें तो हाथ नही जलता है ।
खतरनाक उच्चाटन तंत्र
