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प्रेमिका वशीकरण यंत्र

Premika Vashikaran Yantra :
प्यार का आदान प्रदान जीबन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और जब कोई हमारे प्यार को हमसे दूर रख देता है , तो यह कठिनाईयां उत्पन्न कर सकती है । इस बिशेष प्रेम यंत्र के माध्यम से हम अपने प्रेमिका से मिलने का सपना पूरा कर सकते हैं । यह वशीकरण यंत्र बिशेष रूप से उन लोग केलिए जो अपने प्यार को पाने केलिए सभी सभाबनाओ की खोज कर रहे हैं । इस महाचमत्कारी यंत्र का उपयोग तंत्र -मन्त्रों के साथ किया जाता है , जो बिशेष रूप से प्यार और सम्बोंधों को सुखमय बनाने में मदद करते हैं । यह एक प्राचीन और बिश्वसनीय बिधि है जो लोग अपने जीबन संगी को बापस पाने केलिए प्रयासरत हैं ।

Premika Vashikaran Yantra Vidhi –
वशीकरण यन्त्र को गोरोचन, केशर और कुंकुम द्वारा चमेली की कलम से भोजपत्र के ऊपर लिखे तथा यन्त्र के मध्य में जहां देवदत्त लिखा है । वहां अपनी प्रेमिका का नाम लिखें । फिर यन्त्र का पूजन कर रात्रि के समय श्वेत वस्त्र धारण कर यन्त्र को सामने रखकर प्रेमिका का चिन्तन करें । इस प्रकार सात दिन करके ब्राह्मण-स्त्रियों को भोजन कराये फिर यन्त्र को त्रिलोह को ताबीज में भरकर भुजा पर बाँधे तो प्रेमिका से मिलन होता है । ध्यान दे – प्रेमिका वशीकरण यंत्र (Premika vashikaran yantra) का उपयोग साबधानीपूर्बक और जिम्मेदारी से किया जाना चाहिए , और किसी भी नैतिक और कानूनी मानदंडो का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण है ।

प्रेम -संबंध और ज्योतिष

प्रेम -संबंध और ज्योतिष
प्रेम और ज्योतिष : ज्योतिष के चक्र में 12 राशियां एबं 9 ग्रह है । प्रत्येक राशि दूसरी राशि के प्रति आकर्षण एबं बिकर्षण दोनों तत्वों से जुडी हुई है । “समान व्यसने तु सौख्यमं ” सूत्र के अनुसार , अग्नि तत्व बाली राशि अग्नि तत्व से एबं जल तत्व बाली राशि जल तत्व से आकर्षित होकर मैत्री भाब रखती है । अग्नि तत्व बाली राशि , बायु तत्व राशि से भी मैत्री भाब रख सकती है , क्यूँकि बायु अग्नि को प्रदीप्त करने में सहायक तत्व है । अग्नि तत्व का जल से स्वभाबिक बैर रहेगा । सिंह और मेष , बृषभ और मेष का मैत्री भाब हो सकता है , यह सोचना तार्किक है ।

समान तत्व बाले नैसर्गिक मैत्री भाब रखते हैं । समान प्रकृति , समान सोच बाले स्त्री -पुरुष ,युवक -युबतियाँ जब मिलते हैं , तो स्वतः ही एक -दूसरे के प्रति आकर्षित हो जाते हैं और उनमें प्रगाढ़ मैत्री स्थापित हो जाती है । प्रगाढ़ मैत्री प्रेम में बदल जाती है तथा प्रेम परिणय -सूत्र में बदल जाता है । इसके बिपरीत ऐसे उदाहरणों की भी कमी नहीं , जब बिबाह -सूत्रों में बधें दो प्राणी बेमेल बिबाह के शिकार हो जाते हैं और पति -पत्नी को नारकीय जीबन जीने के लिए मजबूर कर देते हैं । इसका नतीजा तलाक , आत्महत्या , वलात्कार , प्रतिशोध जैसे जघन्य अमानवीय ब्यवहार की घृणित कहानियों में परिणत हो जाता है । इस अध्याय के माध्यम से आप अपनी अनुकूल राशियों से मैत्री भाब स्थापित कर अपने जीबन में आगे बढ़ाने बाली राशियों से सहायता प्राप्त कर सकते है ।

प्रेम और ज्योतिष : यह अध्याय आपको अपने जीबनसाथी के चुनाव में काफी सहायता करेगा। इतना ही नहीं , किन राशियों से आपको साबधान रहना है ,कौन आपको नुक्सान पहुंचा सकता है ,आपकी शत्रु राशियां कौन -कौन सी हैं ? इसकी जानकारी भी आपको इसी अध्याय में मिलेगी । इस दृष्टि से सबसे पहले राशियों के तत्व , स्वभाब , लिंग एबं प्रकृति को पहचानना जरूरी है । जिनका बिबरण इस प्रकार है –

01 . प्रेम और ज्योतिष में अग्नि तत्व (उत्तेजक राशियां)
मेष (चर अग्नि), सिंह (स्थिर अग्नि), धनु (द्विस्वभाब अग्नि )
02. प्रेम और ज्योतिष में पृथ्वी तत्व (भौतिक राशियां )
बृष (स्थिर पृथ्वी तत्व ), कन्या (द्विस्वभाब पृथ्वी तत्व ), मकर (चर पृथ्वी तत्व)

03 . प्रेम और ज्योतिष में बायु तत्व (बिचार प्रधान राशियां ) मिथुन (द्विस्वभाब बायु तत्व ), तुला (चर बायु तत्व ), कुम्भ (स्थिर बायु तत्व )

04 . प्रेम और ज्योतिष में जल तत्व (संबेदनशील , भाबुक राशियां ) कर्क (चर जल तत्व ), ब्रिश्चक (स्थिर जल तत्व ), मीन (द्विस्वभाब जल तत्व)

05 .चर राशियां (मेष , कर्क , तुला , मकर )

06 . स्थिर राशियां (बृष ,सिंह ,ब्रिश्चक ,कुंभ )

07 .द्विस्वभाब राशियां (मिथुन ,कन्या , धनु , मीन )

08 .पुरुष राशियां (मेष , मिथुन , सिंह , तुला , धनु ,कुंभ )

09 . स्त्री राशियां (बृष , कर्क ,कन्या , बृश्चिक , मकर , मीन )

जाने हमारे ज्योतिष से ! क्या आप अपनी शादी का सपना देख रहे हैं ?

क्या आप अपनी शादी का सपना देख रहे हैं ?
ज्योतिष और शादी : शादी व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होती है, जिसमें वह अपने जीवनसाथी के साथ नए संगठन में कदम रखता है । यह एक बड़ा निर्णय होता है और कई लोग इसे ध्यानपूर्वक लेना चाहते हैं । आजकल, ज्योतिषी की मदद से शादी के निर्णय को लेकर लोगों की रुचि बढ़ रही है । इस ज्योतिष और शादी की लेख में हम जानेंगे कि ज्योतिष आपकी शादी के निर्णय में कैसे मदद कर सकता है और क्या आपको अपने शादी के सपने को पूरा करने के लिए इसका सहारा लेना चाहिए ।

ज्योतिष और शादी: ज्योतिष विज्ञान जो आकाशगंगा और ग्रहों की स्थिति का अध्ययन करता है, वह भविष्यवाणियों और व्यक्तिगत गुणों की जानकारी प्रदान करने में मदद कर सकता है ।ज्योतिष और शादी की इस लेख में शादी के मामले में, ज्योतिषी ग्रहों के स्थान के आधार पर आपके जीवनसाथी के साथीकरण की संभावना की चर्चा करते हैं और यह जानने का प्रयास करते हैं कि आपकी शादी का संबंध कैसा हो सकता है ।

ज्योतिष द्वारा शादी के निर्णय का महत्वपूर्ण योगदान ग्रहों की स्थिति का प्रभाव : आपके जन्मकुंडली में ग्रहों की स्थिति का महत्वपूर्ण योगदान होता है । ज्योतिषी आपकी कुंडली में विभिन्न ग्रहों के स्थान की जांच करते हैं और यह देखने का प्रयास करते हैं कि आपके जीवनसाथी के साथ कैसा संबंध हो सकता है ।

गुण मिलान और मेलाप : ज्योतिषी में ‘गुण मिलान’ एक महत्वपूर्ण चरण होता है जिसमें ज्योतिषी आपके और आपके जीवनसाथी के गुणों को मिलाते हैं और यह देखते हैं कि क्या आपके संबंध हमेशा के लिए मजबूत और सुखद रह सकते हैं ।

मंगलिक दोष का अनुमान : ज्योतिषी आपके और आपके जीवनसाथी के कुंडली में मंगलिक दोष की जांच करते हैं। मान्यता है कि मंगलिक दोष वाले व्यक्ति के लिए कुछ विशेष प्रकार की पूजा और उपाय करने से शादी के संबंध में सुख-शांति बनी रह सकती है ।

अपनी शादी के सपने को पूरा करने के लिए ज्योतिष से सहायता : आपके शादी के सपने को पूरा करने के लिए ज्योतिषी आपकी मदद कर सकते हैं। यह निर्णय लेने में मदद कर सकता है कि कौन सा संबंध आपके लिए सबसे उपयुक्त हो सकता है और कैसे आप अपने जीवनसाथी के साथ सुख-शांति भरी जिंदगी बिता सकते हैं ।

निष्कर्ष: ज्योतिष और शादी की लेख पर , आप सब इस मुद्दे पर पहंचे की -ज्योतिषी एक माध्यम हो सकता है जिसके माध्यम से आप अपने भविष्य को आवश्यकतानुसार आकार सकते हैं, खासकर जब आप अपने शादी के निर्णय का सोच रहे हैं । यह ज्योतिष और शादी आपको आत्म-विश्वास देने में मदद कर सकता है और आपको एक नए यात्रा की ओर प्रेरित कर सकता है ।

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FAQs : क्या ज्योतिष आवश्यक है शादी के निर्णय लेने में? ज्योतिष और शादी में ज्योतिष शादी के निर्णय में सिर्फ एक माध्यम हो सकता है, लेकिन यह आपको आपके संबंध के बारे में नई दिशा देने में मदद कर सकता है ।

क्या ग्रहों की स्थिति केवल शादी के संबंध में ही महत्वपूर्ण है? ग्रहों की स्थिति न केवल शादी के संबंध में, बल्कि आपके जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण हो सकती है ।

क्या ज्योतिषी के द्वारा दिए गए संबंध सही होते हैं? ज्योतिषी केवल मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, आपके हाथ में यह है कि आप उन्हें कैसे अपने जीवन में लागू करते हैं ।

क्या शादी के निर्णय में केवल ज्योतिष का ही महत्व होता है? ज्योतिषी केवल एक दिशा दिखा सकता है, लेकिन आपके निर्णय को अंततः आपको ही लेना होता है ।

क्या ज्योतिष शादी के सपने को सच कर सकता है? ज्योतिषी एक माध्यम हो सकता है जो आपके शादी के सपने की दिशा में मदद कर सकता है, लेकिन आपके प्रयास और संकल्पना भी महत्वपूर्ण हैं ।

कुंडली से जाने प्यार का शुभ मुहूर्त कब से?

कुंडली से जाने प्यार का शुभ मुहूर्त कब से?
शुभ मुहूर्त : वैदिक ज्योतिष में कुंडली का महत्वपूर्ण स्थान है और यह विवाह, प्यार और रिश्तों के मामलों में भी आवश्यक है । कुंडली से विवाह के शुभ मुहूर्त का चयन करना तो सामान्य है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुंडली से प्यार के शुभ समय का भी चयन किया जा सकता है? इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि कुंडली से जाने प्यार का “शुभ मुहूर्त” कब से, जिससे आप अपने प्यार के साथ एक नई शुरुआत कर सकते हैं ।

प्यार का शुभ मुहूर्त : हमारी कुंडली में प्यार के योग : प्यार के योग कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर निर्धारित होते हैं । पांचवे भाव में स्थित ग्रह प्यार और संबंधों के विषय में जानकारी प्रदान करते हैं । प्यार के योग को मिलाने से आपको अपने प्यार के साथ शुभ मुहूर्त का पता चल सकता है ।

ग्रहों की महत्वपूर्ण भूमिका : वैदिक ज्योतिष में सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बृहस्पति, शुक्र, शनि और राहू-केतु ये सात प्रमुख ग्रह होते हैं जिनकी स्थिति कुंडली में विशेष महत्व रखती है । ये ग्रह आपके प्यार के योगों को प्रभावित करते हैं और आपको शुभ मुहूर्त की जानकारी प्रदान कर सकते हैं ।

कुंडली में प्यार के योग की जांच : प्यार के योग की जांच के लिए आपको अपनी और आपके पार्टनर की कुंडली मिलानी चाहिए । ग्रहों की स्थिति के आधार पर आप दोनों की संबंध की स्थिति को जान सकते हैं और शुभ मुहूर्त का चयन कर सकते हैं ।

ग्रहों के प्रभाव का अध्ययन : प्यार के मामलों में ग्रहों का अहम भूमिका होता है । विभिन्न ग्रहों के प्रभाव का अध्ययन करके आप शुभ मुहूर्त का निर्धारण कर सकते हैं जो आपके प्यार के रिश्ते को मजबूती देने में मदद करेगा ।
ज्योतिषीय सलाह : प्यार के विषय में ज्योतिषीय सलाह लेना भी महत्वपूर्ण हो सकता है । एक अनुभवी ज्योतिषी आपको आपके प्यार के योगों के आधार पर शुभ मुहूर्त की सलाह दे सकते हैं ।

कुंडली से प्यार के शुभ मुहूर्त का चयन करना वैदिक ज्योतिष में सामर्थ्यपूर्ण है और यह आपके प्यार के रिश्ते को और भी मजबूत बना सकता है । यदि आप अपने प्यार के साथ एक नई शुरुआत करना चाहते हैं, तो कुंडली में प्यार के योगों की जांच करें और एक शुभ समय का चयन करें ।

FAQs : 1. क्या हम प्यार के शुभ मुहूर्त को कुंडली से निकाल सकते हैं? • जी हां, कुंडली से प्यार के शुभ समय को निकालने में संभावना है ।
2. क्या सभी ग्रह प्यार के मामलों में महत्वपूर्ण होते हैं? • हां, सभी ग्रह प्यार के मामलों में अपनी भूमिका निभाते हैं और शुभ समय का निर्धारण करने में मदद करते हैं ।
3. क्या ज्योतिषीय सलाह लेना आवश्यक है? • ज्योतिषीय सलाह लेना प्यार के मामलों में समय-समय पर महत्वपूर्ण हो सकता है ।
4. क्या यह सटीक है कि कुंडली से प्यार के शुभ मुहूर्त का पता चल सकता है? • कुंडली से प्यार के शुभ समय का निर्धारण करना संभव है, लेकिन यह एक समग्र ज्योतिषीय विश्लेषण की आवश्यकता होती है ।
5. क्या कुंडली में प्यार के योग हमेशा बदलते रहते हैं? • हां, कुंडली में प्यार के योग समय-समय पर बदल सकते हैं और ये ग्रहों के प्रभाव पर निर्भर करते हैं ।