Kinnari Sadhana
सुरती प्रिय किन्नरी साधना मंत्र

Surati Priya Kinnari Sadhana Mantra
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Surati Priya Kinnari Sadhana Mantra
अत्यन्त मनोहर, रति क्रिया में दक्ष यह किन्नरी अपने नाम के अनुसार ही साधक को भोग बिलास प्रदान करती है । एक बार सिद्ध हो जाने पर सुरति प्रिय किन्नरी साधक को एक त्वरित गोप मंत्र दे देती है, जिसके मात्र एक उच्चारण से ही साधक कभी भी इसे कहीं भी बुला सकता है । सभी प्रकार के काम बिलास के साधन यह साधक को उपलब्ध करा देती है ।
इसकी साधना दो नदियों के मिलन के तट पर ही करने का बिधान है । साधना रात्रि १० बजे के पश्चात् ही करें । बस्त्र और आसन हल्के रंग का ही उपयोग करें । मंत्र जप हेतु रुद्राख्य की माला लें । मंत्र का प्रतिदिन आठ हजार जप तीन दिन तक निरन्तर करें ।
Surati Priya Kinnari Sadhana Mantra Is Prakar Hai …
किन्नरी मंत्र : “ॐ सुरति प्रिये स्वाहा।।”
साधना पूर्ण होने पर किन्नरी प्रकट होती है, तब दूध से बना मिष्ठान ब सुगन्धित पदार्थ भेंट करें । नम्रता पूर्बक बचन ले लें । यह अतिप्रसन्न होने पर साधक को स्वर्ण मुद्रा भी प्रदान करती है, किंन्तु इसकी अनुमति के बिना बह स्वर्ण खर्च न करें, अन्यथा यह कुपित हो सकती है । इसकी साधना (Surati Priya Kinnari Sadhana) से पूर्ब सुरख्या कबच घेरा अबश्य बना लें ।
सुनयना किन्नरी साधना मंत्र क्या है?

Sunayana Kinnari Sadhana Mantra Kya Hai ? यह किन्नरी बहुत ही सरल स्वभाब की है । अद्भुत सौन्दर्य की स्वामिनी यह सुनयना किन्नरी सरलता से प्रसन्न होने बाली है । इसकी साधना में कोई बिशिष्ट यत्न नहीं करना पडता, मात्र शुद्ध चित ब एकाग्रता ही पर्याप्त है ।
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इसकी साधना अमाबस्या से पूर्णमासी तक करनी होती है । चौकी लगाकर लाल बस्त्र बिछाकर पूर्ब की और मुख करके बैठ जायें । पहले गणेश पूजन करें और गुरू मंत्र का जाप कर लें । गाय के घी का दीप जलाएं। दूध से बना मिष्ठान रखें । रुद्राख्य की माला से इस मंत्र का जाप करे-
Sunayana Kinnari Sadhana Mantra :
मंत्र : “ॐ सुनैना सुनयनाये नम: ।।”
रात्रि १२ बजे के पश्चात् उपरोक्त मंत्र की ११ माला प्रतिदिन जप करें । अंतिम दिन सुनयना किन्नरी प्रकट होकर साधक को मनचाहा फल देती है । साधना को गुप्त रखने का दायित्व साधक का ही है ।
मंजूघोषा किन्नरी साधना क्या है?

Sarv Dukh Dard Vinaashak Mantra : सुख व दु:ख जीवन के दो रंग हैं। कभी सुख आता है तो कभी दु:ख। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके भाग्य में सिर्फ दु:ख ही दु:ख होता है। वे अपना जीवन परेशानी में ही बिताते हैं और हर बात के लिए अपने भाग्य को कोसते रहते हैं लेकिन वे यह नहीं जानते कि मंत्रों के माध्यम से दुर्भाग्य को भी सौभाग्य में बदला जा सकता है। जीवन के सभी कष्टों का निवारण करने वाले मंत्रों में से एक अचूक मंत्र इस प्रकार है-
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Dukh Dard Vinaashak Mantra : मंत्र : ।।ॐ रां रां रां रां रां रां रां रां कष्टम स्वाहा।। सर्व दुख विनाशक मंत्र शारीरिक व्याधि दुख तथा मानसिक आजार किसी भी व्यक्ति के पीछे थके हुए हो तो उस व्यक्ति ने हर रोज दो समय सुबह और शाम प्रस्तुत मंत्र का जाप 108 बार कीजिए जिससे कि सभी दुख दर्द शारीरिक व्याधि , मानसिक रोगों से मुक्ति मिल कर पूर्ण रहस्य सिता मिलेगी । Dukh Dard Vinaashak Mantra Jap Vidhi : – प्रतिदिन सुबह उठकर नित्य कर्मों से निपट कर भगवान श्रीराम की पूजा करें। – अब कुश के आसन पर बैठकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके तुलसी की माला से इस मंत्र का जप करें। कम से कम एक माला जप अवश्य करें। – एक समय, स्थान, माला व आसन होने से यह मंत्र शीघ्र ही शुभ फल देता है। – कुछ ही समय में आप देखेंगे कि आपके जीवन में परिवर्तन आने लगा है और दुर्भाग्य, सौभाग्य में बदल रहा है।
सुलोचना किन्नरी साधना कैसे करें ?

Sulochana Kinnari Sadhana Kaise Kare ?
यह किन्नरी साधक हेतु कार्य सिद्धि, धन प्राप्ति, संकट मोचन ब शत्रुनाश का उपाय देती है । सिद्ध होने के पश्चात् सुलोचना सारे संकट स्वयं झेलकर साधक को पूर्ण सुरख्या प्रदान करती है । नाम के अनुरूप ही इसके नेत्र अत्यन्त सुन्दर है । साधक को भी शुद्ध मन से इनकी सेबा करनी चाहिए । किन्नर लोक की यह किन्नरी अत्यन्त दयालु, उदार और कृपालु है । पृत्बी लोक के दृढनिश्चयी ब श्रद्धालु साधकों को यह सरलता से दर्शन देती है । यह सदैब शेव्त बस्त्र धारण करती है ।
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इसकी साधना हेतु साधना कख्य में इत्र की सुगन्ध छिडक दें । घी का दीपक जला लें। मंत्र जाप हेतु रुद्राख्य की माला लें । सफेद आसन पर सफेद बस्त्र धारण करके ही मंत्र जाप करें । पूर्ब दिशा की और मुख करके ही मंत्र जपे ।
Sulochana Kinnari Sadhana Mantra :
किन्नरी मंत्र : “ॐ लं लं सुलोचनाये किन्नरे नम: ।।”
यह मंत्र जप पूर्णिमा से पूर्णिमा तक निरन्तर करें, बीच में साधना न छोडे, अन्यथा सफलता संदिग्ध है। मंत्र की २१ माला प्रतिदिन जप करें । साधना (Sulochana Kinnari Sadhana) निर्बिघ्न पूर्ण होने पर सुलोचना प्रत्यख्य होकर साधक को बचन देती है । किन्नरी के आबाहन का बिशेष मंत्र भी बचन रूप में प्राप्त कर लें । यह किन्नरी आजीबन साधक को सहयता प्रदान करती है ।
अष्ट किन्नरी साधना कैसे करें ?
