Hanuman Sadhana

हनुमान बशीकरण टीका मंत्र प्रयोग

Hanuman Vashikaran Tika Mantra Prayog :
मंत्र : “माता अंजनी का हनुमान मैं मनाऊँ, तू कहना मान पूजा दुं। सिन्दूर चढ़ाऊ “अमुक” रिझाऊँ, “अमुक” को पाऊँ। यह टीका तेरी शान का बह आबे , जब मैं लगाऊँ। नहीँ आबे ,तो राजा राम की दुहाई । मेरा काम कर नहीं आबे ,तो अंजनी की सेज पड़ ।।”

Hanuman Vashikaran Tika Mantra Vidhi :
इस बशीकरण टीका मंत्र का अनुष्ठान सात दिन का है । साधक श्री हनुमान बिषयक नियम का पालन करते हुए नित्य एक माला मंत्र जप कर इसे सिद्ध कर लें । फिर आबश्यकता पर श्री हनुमान जी को पूजा देकर इस मंत्र को जपते हुए सिन्दूर का टीका लगाकर अभिलाषित ब्यक्ति के पास जाय तो बह बश में होगा ।

श्री प्रेतराज सरकार की आरती

Shree Pretraj Sarkar Ki Aarti :
जय प्रेतराज कृपालु मेरी, अरज अब सुन लीजिए । मैं शरण तुम्हारी आ गया, हे नाथ दर्शन दीजिए ।। मैं करूं बिनती आपसे अब, तुम दयामय चित्त धरो । चरणों का ले लिया आसरा, प्रभु बेग से मेरा दुःख हरो ।। सिर पर मुकुट कर में धनुष, गल बीच मोतियन माल है ।

जो करे दर्शन प्रेम से सब, कटत तन के जाल है ।।
जब पहन बख्तर से खड़ग, बाईं बगल में ढाल है ।
ऐसो भयंकर रूप जिनका, देख डरपत काल है ।।
अति प्रबल सेना बिकट योद्धा, संग में बिकराल हैं ।
सब भूत प्रेत पिशाच बांधे, कैद करते हाल हैं ।।

तब रूप धरते बीर का, करते तैयारी चलन की ।
संग में लड़ाके ज्वान जिनकी, थाह नहीं है बलन की ।।
तुम सब तरह सामर्थ हो, प्रभु सकल सुख के धाम हो ।
दुष्टों के मारनहार हो, भक्तों के पूरण काम हो ।।
मैं हूँ मती का मंद, मेरी बुद्धि को निर्मल करो ।
अज्ञान का अंधेर उर में, ज्ञान का दीपक धरो ।।
सब मनोरथ सिद्ध करते, जो कोई सेबा करे ।
तंदुल बूरा घृत मेबा, भेंट ले आगे धरे ।।
सुयश सुन कर आपका, दुखिया तो आए दूर के ।
सब स्त्री अरु पुरुष आकर, पड़े हैं चरण हजूर के ।।
लीला है अद्दभुत आपकी, महिमा तो अपरंपार है ।
मै ध्यान जिस दम धरत हूं, रच देना मंगलाचार है ।।
सेबक गणेशपुरी महंत जी की, लाज तुम्हारे हाथ है ।
करना खता सब माफ़ उनकी, देना हरदम साथ है ।।
दरबार में आओ अभी, सरकार मैं हाजिर खड़ा ।
इंसाफ़ मेरा अब करो, चरणों में आकर गिर पड़ा ।।
अर्जी बहुत मैं दे चुका, अब गौर इस पर कीजिए ।
तत्काल इस पर हुक्म लिख दो, फैसला कर दीजिए ।।
महाराज की यह स्तुति, कोई नेम से गाया करे ।
सब सिद्धि कारज होय अनेक, रोग पीड़ा सब हरे ।।
‘सुखराम’ सेबक आपका, उनको नहीं बिसराइए ।
जै जै मनाऊ आपकी, बेड़े को पार लगाइए ।।


Shree Pretraj Sarkar Ki Aarti Se Laabh : दूसरों तथा स्वयं की सुख –शान्ति चाहने बालों के लिए ही यह श्री प्रेतराज सरकार की आरती (Shree Pretraj Sarkar Ki Aarti) दिया गया है । इसमें दिए गये प्रेतराज सरकार आरती (Shree Pretraj Sarkar Ki Aarti) की तथा तांत्रिक साधनों को पूर्ण श्रद्धा तथा बिश्वास के साथ यह प्रयोग (Shree Pretraj Sarkar Ki Aarti) करके आप अपार धन-सम्पति, पुत्र -पौत्रादि, स्वास्थ्य -सुख तथा नाना प्रकार के लाभ प्राप्त करके अपने जीबन को सुखी और मंगलमय बना सकते हैं ।

हनुमान जी की कृपा पाने का मंत्र

Hanuman Ji Ki Kripa Paane Ka Mantra :
।। हनुमान जी मंत्र ।। “प्रनबऊं पवन कुमार खल बन पावक ग्यानधन । जासु ह्रदय आगार बसहिं राम सर चाप धर ।।”

Hanuman Ji Ki Kripa Paane Ka Mantra Vidhi Aur Laabh : सिन्दूर चढ़ी मारुति की प्रतिमा की पूजा करके रक्त चन्दन की माला के ऊपर १००० बार प्रतिदिन इस मंत्र का जप करें । इस जप को २१ दिन तक करते रहें और इसका शुभारम्भ मंगलबार से ही करें । इस प्रकार से मंत्र का प्रयोग करने पर हनुमान जि की बिशेष अनुकम्पा प्राप्त होती है । अला- बला, किये –कराये अभिचार का अन्त हो जाता है ।

दूसरों तथा स्वयं की सुख –शान्ति चाहने बालों के लिए ही यह दिया गया है । इसमें दिए गये यंत्र, मंत्र तथा तांत्रिक साधनों को पूर्ण श्रद्धा तथा बिश्वास के साथ प्रयोग करके आप अपार धन –सम्पति, पुत्र –पौत्रादि, स्वास्थ्य –सुख तथा नाना प्रकार के लाभ प्राप्त करके अपने जीबन को सुखी और मंगलमय बना सकते हैं ।

चौकी बांधने एबं खोलने हेतु मंत्र

Chauki Baandhne Ebam Kholne Hetu Mantra :
“आसन बांधू,बासन बांधू,बांधू अपनी काया । चारि खुट धरती के बांधू, हनुमत । तोर दोहाई।।”

Chauki Baandhne Ebam Kholne Hetu Mantra Vidhi : इस मंत्र को साधक ग्रहण काल पर्ब कालादि में प्रारम्भ कर एकतीस दिनों तक जप कर सिद्ध कर लें । प्रतिदिन एक्माला मंत्र जप से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है ।

पुनः प्रयोग के समय इससे चौकि बाँध कर सुरक्षा की जाती है तथा चौकी खोलने हेतु भी इसी बिधि से निम्न मंत्र को सिद्ध कर बंधी हुई चौकी खोले –

मंत्र : आसन बांधू,बासन बांधू,बांधू अपनी काया । तेरे गुरु का दाना खोलू , चारि योग से पाया । हनुमत ! तोर दोहाई ।।

सर्बकार्य सिद्धिदायक हनुमान मंत्र

Sarvkaarya Siddhidaayak Hanuman Mantra :
“पर्बत ब्यापी अंजनी पुत्र जने हनुमंत, रोट लंगोट दरिया ही भुजा। लौंग सुपारी जायफल पान का बीडा कोने लिया, या साहब जो लिया या किसको पूजा तेल। हनुमान को पूजा, सिन्दूर चढाया किस अर्थ। मूठा बंध बार बंध घोर बन्ध, इष्ट बन्ध, तुष्ट बन्ध माठी बन्ध। मसाणी बन्ध काली भैरब कलेजा बन्ध, कालू बंध दरबाजा बंध। इतने को बंध, माता अंजनी। पिण्ड कांचा शव्द सांचा, फुरो मंत्र ईश्वरो बाचा। बाचे से टले तो खारे समुद्र में गले, खारे समुद्र में टले। कुम्भी पाक नर्क में गले, लोना चमारी के कुण्ड में गले।।”

Sarvkaarya Siddhidaayak Hanuman Mantra Vidhi :
इस मंत्र की सिद्धि इकतालिस दिनों में होती है । श्री हनुमान बिषयक नियमों का पालन करते हुए साधक इकतालीस दिन तक साधक नित्य रात्रि को बारह बजे किसी चौराहे पर अपना सुरक्षा चक्र पानी से बनाकर उसमें चौमुखी आटे का दीपक बनाकर जलायें एबं जल का सिंचन कर शुद्ध स्थान पर एक तेल की शीशी सिंदूर, लौंग, सुपारी, पान, जायफल रखकर इस मंत्र (Sarvkaarya Siddhidaayak Hanuman Mantra) का एक सौ आठ बार जप करे एबं लाल रंग के बस्त्र धारण करें । सिद्धि के बाद पबन पुत्र की कृपा से साधक के सर्ब कार्य सिद्ध होते हैं ।