Betal Sadhana
धन बेताल साधना

Dhan Betal Sadhna :
ये साधना अपने आप में अद्वितीय साधना है, बेताल कई प्रकार के होते हैं । इनमें से धन बेताल जमीन में गड़े हुये धन खजाने के पहरेदार होते हैं ।अगर धन बेताल सिद्ध हो जाये तो ये स्वयं ही आपको खजाने में से धन लाकर देना शुरू कर देता है ।इसकी साधना आप लोग कहीं एकांत जगह जैसे कोई खंडर हो , राजमहल हो, उजाड़ हो ,जंगल हो , खेत हो , नहीं तो एकांत बंद कमरे में कर लें ।
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Dhan Betal Sadhna Vidhi :
ये साधना किसी भी शिवरात्रि , होली दिवाली की रात करने पर एक दिन में ही सिद्ध हो जाती है ।साधक रात को दस बजे के बाद ये साधना शुरू करे ।सबसे पहले नहा धोकर लाल या सफ़ेद कपडे पहने दक्षिण मुख होकर बैठे ।अगर कमरे में ये साधना कर रहे है तो किसी चौराहे पर या कहीं एकांत उजाड़ जगह पर धन बेताल को निमंत्रण देकर अपने साथ चलने को बोले ।इस साधना में सबसे पहले अपना सुरक्षा चक्र लगा लें फिर साधना शुरू करें ।
सबसे पहले अपने गुरु का पूजन करके उनसे मानसिक आज्ञा ले लें ।फिर अपने इष्ट का पूजन करें ।शिबजी का पूजन करें । लक्ष्मी का पूजन करें, सभी का पूजन पंचोपचार से करें ।सफ़ेद या लाल रंग की मिठाई का भोग प्रदान करे ।
इसके बाद धन बेताल का आवाहन करें ।आवाहन करते ही बातावरण में अजीव सा होने लगेगा ।आप समझ जाना कि बेताल आ गया ।फिर उसकी पूजा देना। लाल चन्दन, गुलाव के फूल , गुलाब की माला, पांच अगरबती, तीन दीपक इस साधना में लगता है ।एक दीपक सामने , एक अपनी बायीं साइड , एक अपनी दायी साइड , दीपक घेरे के अन्दर रहेंगे। घी का दीपक, अगर तामसिक करे तो सरसों के तेल का दीपक लगाना। घोर तामसिक करना है तो चर्बी का दीपक लगा देना ।भोग सात्विक में लाल मिठाई , बूंदी का लड्डू , इमरती, तामसिक में शराब, मांस होना चाहिए। अगर घोर तामसिक कि बात करे तो, भोग में चरवी, माँस, शराव और खून का भोग दें ।
अपने सामने पीपल के पत्ते पर कुछ धन बगैरह रख लेना चाहिए । और उसी धन को बेताल मानकर पूजा देनी है। उसके बाद धन बेताल साधना (Dhan Betal Sadhna) मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से जाप करना इक्कीस माला का ।
इस धन बेताल साधना (Dhan Betal Sadhna) में पहली माला से ही अनुभब शुरू हो जाते हैं ।पहली माला में आबाजें आने लगेगी , तीसरी माला पर किसी के घुर्राने की आवाज आयेगी ।पाँचवी माला से डरावनी आवाजें शुरू होगी। दसवीं माला पर भूत प्रेत दिखना शुरू हो जायेगा। हो सकता है वो आपको डराने धमकाने या मारने की कोशिश करें आप निडर बैठे रहें ।कोई कुछ नहीं करेगा ।इक्कीस माला पर जब बेताल प्रकट हो, तब उसके गले में माला डाल दें और प्रणाम करें ।फिर बेताल से बचन ले लें ।बेताल यदि स्थान मांगे तो दाये हाथ पर स्थान दे दें या पीठ या कंधें पर स्थान दे दें । वस आपकी धन बेताल साधना (Dhan Betal Sadhna) सफल हो गयी ।आप एक बहुत बड़ी शक्ति के मालिक बन गये।जब चाहे उस शक्ति का प्रयोग कर सकते हो ।
Dhan Betal Sadhna Mantra :
धन बेताल मंत्र : “ॐ यं यं क्रट क्रट धं धं धन बेताल आगच्छ आगच्छ प्रकट प्रकट हुम् फट् स्वाहा ।।”
ख्वाजा हाजरात चेटक मंत्र प्रयोग

Khwaaja Haazrat Chetak Mantra Prayog :
Khwaaja Haazrat Chetak Mantra :
“ख्वाजा खिज्र जिन्द पीर मैदर मादर दस्तगीर मदत मेरा पीरान् पीर करो घोड़े पर भीड़ चढो हजरत पीर हाजर सो हाजर ।” (इति मंत्र: )।
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Khwaaja Haazrat Chetak Mantra Bidhan :
प्रतिदिन उल्टी माला से १०८ ख्वाजा हाजरात मंत्र (Khwaaja Haazrat Chetak Mantra) जप करें । लौंग, इलायची और लोहबान की धूप देबे तो २१ दिन में सिद्ध होबे । पश्चात जब चढ़ाना हो तो प्रात: आठ बजे से पाहिले लडके को पबित्र करके बैठायें । लडके के नख में स्याही या कज्जल लगा दें और आपका मुख देखने को कहें । आप उसके आगे बैठकर ख्वाजा हाजरात मंत्र (Khwaaja Haazrat Chetak Mantra) पढ़े और धूप देते रहें ।
पहले मैदान दिखाई देगा उस वक्त लड़का कहें कि “मुख दिखना बंद होकर चौगान हो जाबे” तो चौगान हो जायेगा । फिर लड़का कहें कि “दो जने आओ” जब दो आ जाबे तब कहे “दो और आबो” दो और भी आ जाबें उस वक्त कहे कि “दो और भी आबो” इसी तरह ४ चार बार कहें । जब आठ आदमी आ जाबें उस वक्त कहे कि “झाड़ूबाले को बुलाकर झाड़ू लगबाबो” झाड़ू लग जाने के बाद कहे कि “भिरती को बुलाकर छिड़काब कराबो” छिड़काब हो जाने के बाद कहें कि “फर्श बिछाबो” फर्श बिछ जाने पर कहे कि “दो कुरसी और तख़्त मंगाबो” तख़्त आने पर कहें कि “तख़्त पर गद्दी बिछाबो” गद्दी बिछ जाने पर कहें कि “पीरान् पीर साहब से जाकर हमारी अर्ज गुजराबो कि आपका अमुक भक्त आपको याद करता है सो मुन्शी साहब को संग लेकर कृपा कर पधारो” जब आदमी जाबे और पीर साहब पधारें उस वक्त मुन्शी से कहे कि “भोग पीरान् पीर साहब की नजर करे” भोग, इलायची, इत्र सब देबें ।
फिरे मुन्शी से कहें कि “पीरान् पीर साहब से हमारी अर्ज करो कि अमुक भक्त आपका फलाना काम पूछता है” अत्तर मिलेगा यदि लड़का उत्तर को समझ जाबे तो ठीक कहे, नहीं समझो तो मुन्शी से कहे कि “मै नहीं समझा अमुक भाषा में मुझको लिखकर दिखाबो” तो मुन्शी लिखकर दिखायेगा इसी प्रकार जो कुच्छ पूछना हो पूछ लेबे ।
दूसरों तथा स्वयं की सुख –शान्ति चाहने बालों के लिए ही यह दिया गया है । इसमें दिए गये यंत्र, मंत्र तथा तांत्रिक साधनों को पूर्ण श्रद्धा तथा बिश्वास के साथ प्रयोग करके आप अपार धन –सम्पति, पुत्र –पौत्रादि, स्वास्थ्य –सुख तथा नाना प्रकार के लाभ प्राप्त करके अपने जीबन को सुखी और मंगलमय बना सकते हैं ।
बीर बिरहना सिद्धि कैसे प्राप्त करें ?

Beer Birahna Siddhi Kaise Prapt Kare ?
बीर बिरहना सिद्धि (Beer Birahna Siddhi) कर लिये जाने पर बह साधक की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करता है और सदेब उसके समीप रहकर उसकी रक्षा करते हुए हर प्रकार के सुख को देता रहता है ।
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इस बीर बिरहना सिद्धि मंत्र (Beer Birahna Siddhi Mantra) को ग्रहण की रात्रि में 108 बार मंत्र का जप किया जाता है ,चमेली के फूल चढ़ाए जाएं तथा नैबेद्य रूप में सबासेर आटे का शुद्ध घी से बना हलुआ चढ़ाया जाए । इस प्रकार चालीस दिन के जप के बाद यह नैबेद्य अर्पित किया जाता है ।
४१ बें दिन में पूजा और सबासेर हलुए का भोग लेकर बैठें तो बीर साधक के सामने प्रकट हो जाता है । उस समय साधक बीर बीरहना को हाथ जोड़कर प्रणाम करे तो बीर प्रसन्न होकर मनोकामना पूरी करता है । इसकी साधना में निडर बना रहना चाहिए । श्रद्धा और बिश्वास तो हर साधना का आबश्यक अंग है ही ।
Beer Birahna Siddhi Mantra :
“बीर बिरहना फूल बिरहना धुं धुं करै सबा सेर का तोसा खाय अस्सी कोस का धाबा करे सात के कुतक आगे चले सात सै कुतक आगे चले सात सै कुतक पीछे चले जिसमें गढ़ गजना का पीर चले और ध्वजा टेकता चले सोते को जगाबता चले, बैठे को उठाबता चले, हाथों में हथकड़ी गेरे, पैरों में बेडी गेरे, मांही पाठ करे मुरदार मांही पीठ करे कलाबोन नबी कूं याद करे ॐ ॐ ॐ नम: ठू: ठ: ठ: स्वाहा ।”
चेताबनी : भारतीय संस्कृति में मंत्र तंत्र यन्त्र साधना का बिशेष महत्व है ।परन्तु यदि किसी साधक यंहा दी गयी बीर बिरहना सिद्धि साधना के प्रयोग में बिधिबत, बस्तुगत अशुद्धता अथबा त्रुटी के कारण किसी भी प्रकार की कलेश्जनक हानि होती है, अथबा कोई अनिष्ट होता है, तो इसका उत्तरदायित्व स्वयं उसी का होगा ।उसके लिए उत्तरदायी हम नहीं होंगे ।अत: कोई भी प्रयोग योग्य ब्यक्ति या जानकरी बिद्वान से ही करे। यंहा सिर्फ जानकारी के लिए दिया गया है ।
हाजरात सिद्धि मंत्र

Hajraat Siddhi Mantra :
हाजरात सिद्धि मंत्र :
“बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम खुदाई बड़ा तू बड़ा जैनुद्दीन पैगम्बर दूनी तेरी सादात
फुरो बादा नामुरादी बेबुन यादी तुर्क पीर ताइया सिलार देखूं तेरी शक्ति बेग
बाँधि ल्याब नौर नारसिंह चौरासी कलुबा ब्रह्मा अठोतर सो शाकिनी कामण
दुशमन छलछिद्र प्रेत चोर चाबर अगिया बेताल बेगी बाँधी ल्याब जो न बाँधि तो दुहाई सुलेमान पैगम्बर की ।।”
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Hajraat Siddhi Mantra Vishesh :
(हाजरात सिद्धि मंत्र (Hajraat Siddhi Mantra) का दुरूपयोग ना हो या कोई मंत्र के लालच में आकर बिना गुरु के साधना करके खुद को कुछ हानि ना हो इस वजह से मंत्र से कुछ शव्द को गुप्त रखा गया है, यंह मंत्र संपूर्ण नहीं है)
Hajraat Siddhi Mantra Bidhan :
शुक्रबार से १२ बार रोज ४० दिन तक जपे । तेल, इत्र, लौंग, धूप, दीप, मिठाई से पूजन करें । जब हाजरात करनी हो तो साफ़ जगह मिट्टी से लेप कर चाबल की मस्जिद बनाबें । दीपक जलाबे, पट्टे पर त्रिशूल बनायें, कुंबारी कन्या को स्नान कराकर साफ़ कपडे पहनाकर उसके सामने बैठायें । उसके मस्तक पर दीपक रखें पश्चात् चाबल अभिमंत्रित करके कन्या पर मारे तो पूछें गये प्रश्न का सही उत्तर मिले ।
परन्तु जहाँ निधि दर्शन देखना हो या किसी प्रेत उपद्रब का पता करना हो तो बह शक्ति कन्या पर दबाब दे सकती है अत: स्थान की रक्षा ब कन्या की रक्षा करना जरुरी है । रुई लपेट दीपक जलाकर दिखानेसे सत्य सत्य बिना मंत्र के ही दीखने लगेगा ।
दूसरों तथा स्वयं की सुख –शान्ति चाहने बालों के लिए ही यह दिया गया है । इसमें दिए गये यंत्र, मंत्र तथा तांत्रिक साधनों को पूर्ण श्रद्धा तथा बिश्वास के साथ प्रयोग करके आप अपार धन –सम्पति, पुत्र –पौत्रादि, स्वास्थ्य –सुख तथा नाना प्रकार के लाभ प्राप्त करके अपने जीबन को सुखी और मंगलमय बना सकते हैं ।
इच्छित बस्तु मंगाने का मंत्र : आपकी इच्छाएं पूरी कराने का उपाय
