Bagalamukhi sadhana

चमत्कारी सर्व रोग नाशक पाताल क्रिया साधना क्या है ?

Chamatkari Sarv Rog Nashak Pataal Kriya Sadhana :
यह सर्ब रोग नाशक पाताल क्रिया साधना कि कई अनुभूतिया है,और साधना भि एक दिन कि है.कई येसे रोग या बीमारिया है जिनका निवारण नहीं हो पाता ,और दवाईया भि काम नहीं करती ,येसे समय मे यह प्रयोग अति आवश्यक है.यह पाताल क्रिया प्रयोग आज तक अपनी कसौटी पर हमेशा से ही खरा उतरा है ।

Pataal Kriya Sadhana Samagri :
प्रयोग सामग्री :- एक मट्टी कि कुल्हड़ (मटका) छोटासा,सरसों का तेल ,काले तिल,सिंदूर,काला कपडा ।
Pataal Kriya Sadhana Prayog Vidhi : शनिवार के दिन श्याम को ४ या ४:३० बजे स्नान करके साधना मे प्रयुक्त हो जाये,सामने गुरुचित्र हो ,गुरुपूजन संपन्न कीजिये और गुरुमंत्र कि कम से कम ५ माला अनिवार्य है । गुरूजी के समक्ष अपनी रोग बाधा कि मुक्ति कि लिए प्रार्थना कीजिये। मट्टी कि कुल्हड़ मे सरसों कि तेल को भर दीजिये,उसी तेल मे ८ काले तिल डाल दीजिये। और काले कपडे से कुल्हड़ कि मुह को बंद कर दीजिये । अब ३६ अक्षर वाली बगलामुखी मंत्र कि १ माला जाप कीजिये। और कुल्हड़ के उप्पर थोडा सा सिंदूर डाल दीजिये। और माँ बगलामुखी से भि रोग बाधा मुक्ति कि प्रार्थना कीजिये । और एक माला बगलामुखी रोग बाधा मुक्ति मंत्र की जिये ।

Pataal Kriya Sadhana Mantra : मंत्र :- ।। ओम ह्लीम् श्रीं ह्लीम् रोग बाधा नाशय नाशय फट ।।
पाताल क्रिया मंत्र जाप समाप्ति के बाद कुल्हड़ को जमींन गाड दीजिये,गड्डा प्रयोग से पहिले ही खोद के रख दीजिये। और ये प्रयोग किसी और के लिए कर रहे है तो उस बीमार व्यक्ति से कुल्हड़ को स्पर्श करवाते हुये कुल्हड़ को जमींन मे गाड दीजिये। और प्रार्थना भि बीमार व्यक्ति के लिए ही करनी है। चाहे व्यक्ति कोमा मे भि क्यों न हो ७ घंटे के अंदर ही उसे राहत मिलनी शुरू हो जाती है। कुछ परिस्थितियों मे एक शनिवार मे अनुभूतिया कम हो तो यह प्रयोग आगे भि किसी शनिवार कर सकते है।

दुर्लभ बगला मन्त्र क्या है ?

Durlabh Bagla Mantra Kya Hai ?
“दुर्लभ बगला मंत्र (Durlabh Bagla Mantra) ” का महत्वपूर्ण आधार है आध्यत्मिकता और मानसिक सामर्थ में बृद्धि करने का । इस मंत्र का जाप करने से हम अपने आत्मा को शांति , सुख और समृद्धि की और प्रब्रुत हो सकते हैं । बगला माता जिन्हें “बगलेश्वरी” भी कहा जाता है , उन्हें शक्ति और साहस की प्रतीक के रूप में माना जाता है ।
दुर्लभ बगला मंत्र (Durlabh Bagla Mantra) का जाप ध्यान , धारणा और मानसिक शांति को बढबा देता है । यह मंत्र स्वाधीनता की भाबना को मजबूत करके ब्यक्ति को उनके लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद कर सकता है । बगला माता की कृपा से यह मंत्र आपके जीबन को सुखमय और समृद्धि पूर्ण बना सकता है ।इसे नियमित रूप से जाप करने से आप आत्मा की उंचे स्तरों को प्राप्त कर सकते हैं और आपके जीबन में सफलता की और बढ़ सकते हैं । ध्यान और भक्ति के साथ , यह मंत्र आपको आत्मिक बिकास में मदद कर सकता है और आपको आपके लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद कर सकता है ।

Durlabh Bagla Mantra :
मन्त्र : {{ ॐ पीत पीतेश्वरी पीताम्बरा बगला परमेश्वरी ऐं जिव्हा स्तम्भनी ह्लीं शत्रु मर्दनी महाविद्या श्री कनकेश्वरी सनातनी क्रीं घोरा महामाया काल विनाशनी पर विद्या भक्षणि क्लीं महा मोह दायनी जगत वशिकरणी ऐ ऐं ह्लूं ह्लीं श्रां श्रीं क्रां क्रीं कलां क्लीं पीतेश्वरी भटनेर काली स्वाहा । }} इस मंत्र का एक सहस्र जप काली चौदस यानि दीपावली के एक दिन पहले करने से माँ की कृपा होती है ।

मनोकामना दायक श्री बगलामुखी मंत्र

Manokamana Dayak Shri Baglamukhi Mantra :
श्री बगलामुखी मंत्र: “ॐ हलीं बगला मुखि ! जगद् बशंकरि ! मां पीताम्बरे, प्रसीद प्रसीद, मम् सर्ब मनोरथान् पूरय पूरय हलीं ॐ।।”

Manokamana Dayak Shri Baglamukhi Mantra Vidhi :

श्री बगलामुखी के उपरोकत मंत्र (Manokamana Dayak Shri Baglamukhi Mantra) का दस सहस्त्र जप करने से सिद्धि मिलती है । साधक इस मंत्र की सिद्धि हेतु हल्दी, हरिताल, मालकांगनी (ज्योतिष्मती) को कूट कर कडबा तेल मिला लें तथा नीम या बेर की लकडी अन्यथा खैर की लकडी की समिधा द्वारा नित्य अष्टोतर शत हबन करें तो साधक को अभीष्ट सिद्धि प्राप्त होती है ।

नोट : हबन करते समय उक्त श्री बगलामुखी मंत्र के अन्त में “ स्वाहा ” शव्द जोड कर अग्नि में आहुतियां छोडें तथा पूर्णाहुति देकर निम्न स्तुति का पाठ करें ।
।।स्तुति।। नमो देबि बगले ! चिदानन्द रूपे ! नमस्ते रिपु ध्बंस कारी त्रिमूर्ते । नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते ।।१।। सदापीत बस्त्राढय पीत स्वरुपे ! रिपु मारणार्थे गदा युक्त रूपे ! सदेषत् स-हासे सदानन्द मूर्ते ! नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते ।।२।।
त्बमेबासि मातेशरी त्वं सखे त्वं। त्वभेबासि सर्बेश्वरी तारिणी त्यं। त्बमेबासि शक्तिर्बलं साधकानाम्। नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते ।।३।।
रणे तस्करे घोर दाबाग्नि युष्टे। बिपत् सागरे दुष्ट रोगाग्नि प्लुष्टे । त्वमेका मतिर्यस्य भक्तेषु चिता: । स-षट् कर्मणानां भबेत्याशु दक्ष: ।।४।।

बगलामुखी सर्व कार्य सिद्धि दायक मंत्र

Baglamukhi Sarv Karya Siddhi Dayak Mantra
प्राण तोषिनी नामक ग्रन्थ में निहित कथा के अनुसार एक बार सतयुग में विश्व को नष्ट करने वाला ब्रह्मांडीय तूफान उत्तपन्न हुआ, जिससे अनेकों लोक संकट में पड़ गए, विश्व की रक्षा करना लगभग असंभव हो गया, ब्रह्मांडीय तूफान सब कुछ नष्ट भ्रष्ट करता हुआ आगे बढ़ रहा था, जिसे देख कर जगत की रक्षा में लीन भगवान् विष्णु जी को अत्यंत चिंता हुई, कोई हल न पा कर वे शिव को स्मरण करने लगे, तब शिव नें कहा कि शक्ति के सिवा इसे कोई नहीं रोक सकता, आप उनकी शरण में जाएँ, तब भगवान् विष्णु पृथ्वी पर आये, उनहोंने सौराष्ट्र देश में हरिद्रा सरोवर के निकट पहुँच कर घोर तपस्या आरम्भ कर दी, तब देवी शक्ति उनकी साधना से प्रसन्न हुई और उस समय मंगलबार चतुर्दशी की रात्री को देवी भगवान विष्णु की मनशा को जान कर बगलामुखी के रूप में प्रकट हुई, त्र्येलोक्य स्तम्भिनी महाविद्या भगवती बगलामुखी नें प्रसन्न हो कर विष्णु जी को इच्छित वर दिया, तब भगवान् विष्णु जी सृष्टि को विनाश से रोक पाए, देवी को बीर रति भी कहा जाता है क्योंकि देवी स्वम ब्रह्मास्त्र रूपिणी हैं, इनके शिव को एकवक्त्र महारुद्र कहा जाता है इसी लिए देवी सिद्ध विद्या है । शत्रु भय को नष्ट करने वाली देवी का नाम है बगलामुखी, माँ बगलामुखी को पीताम्बरा कहा जाता है क्योंकि वो पीले वस्त्र धारण करने वाली देवी तथा पीत वर्ण प्रिया हैं, देवी माँ की किसी भी रूप की गयी साधना बना सकती है महाबलशाली, जीवन के समस्त क्लेशों का अंत करने की क्षमता वाली देवी ही बगलामुखी हैं, सृष्टि की स्तम्भन शक्ति के रूप में देवी को त्रिलोकी जानती एवं पूजती है, ये सारी सृष्टि देवी की कृपा से ही अपने पथ और परिपाटी पर स्थित हो चल रही है ।

शास्त्रों में देवी को ही ब्रह्म विद्या कहा गया है, देवी की कृपा से साधक त्रिकालदर्शी होने के साथ-साथ भोग और मोक्ष दोनों प्राप्त करता है, साधक को सदा ही देवी की सौम्य रूप में साधना पूजा करनी चाहिए, देवी रत्नजडित सिहासन पर विराजती हैं और रत्नमय रथ पर आरूढ़ हो शत्रुओं का नाश करती हैं, पीले फूल और नारियल चढाने से देवी होतीं हैं प्रसन्न, देवी के भक्त को तीनो लोकों में कोई नहीं हरा पता, जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के लिए देवी को पीली हल्दी के ढेर पर दीपक जला कर चढ़ाएं, देवी की मूर्ती पर पीला गोटेदार वस्त्र चढाने से बड़ी से बड़ी बाधा भी नष्ट होती है, बगलामुखी देवी के मन्त्रों (Baglamukhi Sarv Karya Siddhi Dayak Mantra) से होता है सारे दुखों का नाश, देवी माँ का स्वत: सिद्ध महामंत्र है-

Siddh Baglamukhi Mahamantra :
महामंत्र : “ ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ॐ नम: ” इस मंत्र (Baglamukhi sarv karya Siddhi Dayak Mantra) से काम्य प्रयोग भी संपन्न किये जाते हैं जैसे …
1. मधु. शर्करा युक्त तिलों से होम करने पर मनुष्य वश में होते है ।
2. मधु. घृत तथा शर्करा युक्त लवण से होम करने पर आकर्षण होता है ।
3. तेल युक्त नीम के पत्तों से होम करने पर विद्वेषण होता है ।
4. हरिताल, नमक तथा हल्दी से होम करने पर शत्रुओं का स्तम्भन होता है ।
1) Bhay Nashak Baglamukhi Sarv Karya Siddhi Dayak Mantra
अगर आप किसी भी व्यक्ति वस्तु परिस्थिति से डरते है और अज्ञात डर सदा आप पर हावी रहता है तो देवी के भय नाशक मंत्र का जाप करना चाहिए । मंत्र : “ ॐ ह्लीं ह्लीं ह्लीं बगले सर्व भयं हन ” पीले रंग के वस्त्र और हल्दी की गांठें देवी को अर्पित करें ,पुष्प,अक्षत,धूप दीप से पूजन करें । रुद्राक्ष की माला से 6 माला का मंत्र जप करें ,दक्षिण दिशा की और मुख रखें ।
2) Shatru Nashak Baglamukhi Sarv karya Siddhi Dayak Mantra
अगर शत्रुओं नें जीना दूभर कर रखा हो, कोर्ट कचहरी पुलिस के चक्करों से तंग हो गए हों, शत्रु चैन से जीने नहीं दे रहे, प्रतिस्पर्धी आपको परेशान कर रहे हैं तो देवी के शत्रु नाशक मंत्र का जाप करना चाहिए ।
मंत्र : “ ॐ बगलामुखी देव्यै ह्लीं ह्रीं क्लीं शत्रु नाशं कुरु ” नारियल काले वस्त्र में लपेट कर बगलामुखी देवी को अर्पित करें ,मूर्ती या चित्र के सम्मुख गुगुल की धूनी जलाये । रुद्राक्ष की माला से 5 माला का मंत्र जप करें,मंत्र जाप के समय पश्चिम कि ओर मुख रखें ।
3) Jadu Tona Nashak Baglamukhi Sarv Karya Siddhi Dayak Mantra : यदि आपको लगता है कि आप किसी बुरु शक्ति से पीड़ित हैं, नजर जादू टोना या तंत्र मंत्र आपके जीवन में जहर घोल रहा है, आप उन्नति ही नहीं कर पा रहे अथवा भूत प्रेत की बाधा सता रही हो तो देवी के तंत्र बाधा नाशक मंत्र का जाप करना चाहिए । मंत्र : “ ॐ ह्लीं श्रीं ह्लीं पीताम्बरे तंत्र बाधाम नाशय नाशय ” आटे के तीन दिये बनाये व देसी घी ड़ाल कर जलाएं,कपूर से देवी की आरती करें । रुद्राक्ष की माला से 7 माला का मंत्र जप करें, मंत्र जाप के समय दक्षिण की और मुख रखे ।
4) Safalata Dayak Baglamukhi Sarv Karya Siddhi Dayak Mantra आपने कई बार इंटरवियु या प्रतियोगिताओं को जीतने की कोशिश की होगी और आप सदा पहुँच कर हार जाते हैं, आपको मेहनत के मुताबिक फल नहीं मिलता, किसी क्षेत्र में भी सफल नहीं हो पा रहे, तो देवी के साफल्य मंत्र का जाप करें । मंत्र : “ ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं बगामुखी देव्यै ह्लीं साफल्यं देहि देहि स्वाहा: ”
बेसन का हलवा प्रसाद रूप में बना कर चढ़ाएं, देवी की प्रतिमा या चित्र के सम्मुख एक अखंड दीपक जला कर रखें।रुद्राक्ष की माला से 8 माला का मंत्र जप करें, मंत्र जाप के समय पूर्व की और मुख रखें ।
5) Suraksha Dayak Baglamukhi Sarv Karya Siddhi Dayak Mantra : यदि आप बच्चों की सुरक्षा को ले कर सदा चिंतित रहते हैं, बच्चों को रोगों से, दुर्घटनाओं से, ग्रह दशा से और बुरी संगत से बचाना चाहते हैं तो देवी के रक्षा मंत्र का जाप करना चाहिए । मंत्र : “ ॐ हं ह्लीं बगलामुखी देव्यै कुमारं रक्ष रक्ष ” देवी माँ को मीठी रोटी का भोग लगायें ,दो नारियल देवी माँ को अर्पित करें । रुद्राक्ष की माला से 6 माला का मंत्र जप करें, मंत्र जाप के समय पश्चिम की ओर मुख रखें ।
6) Lambi Umra Pradayak Baglamukhi Sarv Karya Siddhi Dayak Mantra यदि आपकी कुंडली कहती है कि अकाल मृत्यु का योग है, या आप सदा बीमार ही रहते हों, अपनी आयु को ले कर परेशान हों तो देवी के ब्रह्म विद्या मंत्र का जाप करना चाहिए । मंत्र : “ॐ ह्लीं ह्लीं ह्लीं ब्रह्मविद्या स्वरूपिणी स्वाहा:” पीले कपडे व भोजन सामग्री आता दाल चावल आदि का दान करें ,मजदूरों, साधुओं, ब्राह्मणों व गरीबों को भोजन खिलाये। प्रसाद पूरे परिवार में बाँटें । रुद्राक्ष की माला से 5 माला का मंत्र (Baglamukhi Sarv Karya Siddhi Dayak Mantra) जप करें, मंत्र जाप के समय पूर्व की ओर मुख रखें ।
7) Bal Pradata Baglamukhi Sarv Karya Siddhi Dayak Mantra यदि आप बलशाली बनने के इच्छुक हो अर्थात चाहे देहिक रूप से, या सामाजिक या राजनैतिक रूप से या फिर आर्थिक रूप से बल प्राप्त करना चाहते हैं तो देवी के बल प्रदाता मंत्र का जाप करना चाहिए । मंत्र : “ ॐ हुं हां ह्लीं देव्यै शौर्यं प्रयच्छ ” पक्षियों को व मीन अर्थात मछलियों को भोजन देने से देवी प्रसन्न होती है, पुष्प सुगंधी हल्दी केसर चन्दन मिला पीला जल देवी को को अर्पित करना चाहिए ।
पीले कम्बल के आसन पर इस मंत्र को जपें ,रुद्राक्ष की माला से 7 माला मंत्र जप करें ,मंत्र जाप के समय उत्तर की ओर मुख रखें ।
8) Suraksha Pradayak Baglamukhi Sarv Karya Siddhi Dayak Mantra
प्रतिदिन प्रस्तुत मंत्र (Baglamukhi Sarv Karya Siddhi Dayak Mantra) का जाप करने से आपकी सब ओर रक्षा होती है, त्रिलोकी में कोई आपको हानि नहीं पहुंचा सकता । मंत्र : “ ॐ हां हां हां ह्लीं बज्र कवचाय हुम ” देवी माँ को पान मिठाई फल सहित पञ्च मेवा अर्पित करें, छोटी छोटी कन्याओं को प्रसाद व दक्षिणा दें । रुद्राक्ष की माला से 1 माला का मंत्र (Baglamukhi Sarv Karya Siddhi Dayak Mantra) जप करें , मंत्र जाप के समय पूर्व की ओर मुख रखें ।

बगलामुखी सिद्धि प्रयोग विधि

Baglamukhi Siddhi Prayog Vidhi :
माँ बगलामुखी को आठवीं महाविद्या के रूप में जाना जाता है ,मतो के अनुसार इनका जन्म हल्दी के रंग जैसे जल से हुआ था इनका एक नाम पीताम्बरा भी है इनका रूप स्वर्ण की तरह तेज वाला है माँ बगलामुखी के कई रूप है पर बगलामुखी सिद्धि के लिए इनकी आराधना की जाती है यह आराधना मुख्यता रात्रि में ही होती है इसकी उपासना से शत्रु एवं समस्त बुरी शक्तियां सदा के लिए समाप्त हो जाती है इनको पीले रंग की वस्तुये अधिक प्रिय है ।
माँ बगलामुखी सिद्धि साधना मंत्रो (Baglamukhi Siddhi Sadhna Mantra) द्वारा की जाती है यह अत्यंत कठिन एवं नियमो से घिरी है इसमें सही मंत्रो का जप करना चाहिए पूजा भी नियम से करनी चाहिये तभी आप की बगलामुखी सिद्धि साधना पूर्ण होगी एवं यह पूजा करते समय माँ के कवच का पाठ करना आवश्यक है यह पूजा हर समस्या का हल एवं विजय दिलाती है माँ बगलामुखी की प्रातः काल उठ कर शुद्ध होकर पीले वस्त्र धारण करके किसी सिद्ध स्थान पर पूर्व की ओर बैठकर यह बगलामुखी सिद्धि साधना एकांत में करनी चाहिए । एक चौकी यह कोई पाटा पर एक पिला वस्त्र बिछा ले, उस पर माँ की प्रतिमा स्थापित करे और विधि पूर्वक पूजा करे पीले चावल हल्दी पीले फूल लेकर माँ की पूजा करे शुद्ध देशी घी का दीप जलाना चाहिए इसके लिए किसी चाँदी यह किसी पात्र में चने की दाल बनानी चाहिये । बगलामुखी सिद्धि पूजा (Baglamukhi Siddhi Puja) के बाद हवन करना चाहिये । इस मंत्र का एक लाख बार जप करना चाहिए ।

Baglamukhi Siddhi Mantra :
मंत्र : “ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानः वाचं मुखः पदं स्तंभयः जिह्ववां कीलयः बुद्धि विनाशयः ह्रीं ओम् स्वाहः।”
Baglamukhi Siddhi Niyam : १- माँ बगलामुखी सिद्धि साधना (Maa Baglamukhi Siddhi Sadhna) करने से पहले पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिये यह एक मुख्य नियम है ।
२- इस बगलामुखी सिद्धि साधना (Baglamukhi Siddhi Sadhna) को करते समय किसी स्त्री को स्पर्श नहीं करना चाहिए यह किसी भी प्रकार की चर्चा नहीं करनी चाहिये अगर आप ऐसा करते है तो आप की साधना खण्डित हो जायेगी ।
३- यदि आप डरते है तो आप को यह साधना नहीं करनी चाहिए और कभी साधना किसी बच्चे के साथ न करे , क्योंकि माँ साधना के समय साधक की परीक्षा लेती है उसको डराती है , साधक को अजीब अजीब आवाजे दृश्य आदि का भ्रम होता है ।
४- यह साधना बिना गुरु के नहीं हो सकती अतः उनका परामर्श आवश्य ले और साधना आरम्भ करने से पहले गुरु का ध्यान करना चाहिये ।
५ – माँ की साधना शुक्ल पक्ष में ही करनी चाहिए तथा नवरात्री को भी उत्तम माना गया है ।
६- साधना की सुरुवात उत्तर दिशा की ओर देखते हुए करनी चाहिए ।
७- कभी यह होता है कि साधना करते समय आप की आवाज तेज हो जाती है तो डरे मत ।
८- अगर आप माँ की साधना कर रहे है तो जब तक साधना पूर्ण नहीं होती इसका ज़िक्र किसी से भी न करे ।
९- माँ की साधना के समय पिला वस्त्र ही धारण करे । यह मंत्र एक लाख जपने से सिद्ध होता है।

Baglamukhi Siddhi Prayog : १- माँ की शहद से और सक्कर से तिल से हवन करने से कोई भी व्यक्ति वश में हो जाता है ।
२-माँ का शहद सक्कर से बने लवण से हवन करने से व्यक्ति आकर्षण बनता है । ३-नीम के पत्तो से बने तेल से हवन करने से व्यक्ति विद्वान बनता है ।
४- नमक हल्दी हरिताल से हवन करने से शत्रु का नाश होता है । माँ की आराधना करने से शत्रु का नाश होता है और हर कार्यो में विजय प्राप्ति होती ,शक्ति का संचार होता है आप शक्ति मान बन सकते है आप के अंदर वो तेज आ जायेगा की कोई भी व्यक्ति आप से आँख तक नहीं मिला पायेगा ,आपके विरोधी स्वम् नष्ट हो जाएंगे आप किसी को भी अपने ढंग से इस्तेमाल कर सकते है यह् विद्या प्राप्त करने वाला व्यक्ति अजय हो जाता है उसकी सभी समस्याओं का समन हो जाता है इस विद्या का उपयोग समाज हित में ही करना चाहिये।

Baglamukhi Siddhi Mantra Aaradhana : यह बगलामुखी सिद्धि साधना (Baglamukhi Siddhi Sadhna) अपने गुरु की राय यह उपस्थिति में ही करे, इस साधना को विशेष सावधानियों से करना चाहिए तन मन को शुद्ध कर रात्रि में पीले वस्त्र पहनकर पिला आसान बिछाकर पिली हल्दी और पीले पुष्प लेकर माला का जब करे और यह जप आपको ग्यारह माला इक्कीस दिन करना है यह रोज नियम से करना चाहिये रोज एक सौ आठ बार करना चाहिये मंत्र सिद्ध हो जायेगा , आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिये इस समय , और आप के शत्रु नाश हो जाएंगे ।
ॐ ब्रह्मास्त्रहः विद्या बगलामुख्यः नारदः ऋषये नम: शिरसि। त्रिष्टुप् छन्दसहः नमोहः मुखेह । श्री बगलामुखी दैवतायै नमोहः ह्रदयेहः
ह्रीं बीजायः नमो गुह्ये। स्वाहा शक्तयः नम: पाद्यो:। ऊँ नम: सर्वांगः श्री बगलामुखी देवतः प्रसादः सिद्धयर्थ न्यासे विनियोग:

Baglamukhi Siddhi Kawach : माँ बगलामुखी के कवच का प्रति दिन जप करना चाहिये यह बगलामुखी सिद्धि साधना (Baglamukhi Siddhi Sadhna) करने से माता प्रशन्न होती इस मंत्र का सुबह शाम रात्रि में जप करना चाहिये माँ का कवच किसी व्यक्ति के शत्रुओं का नाश उस तरह करता है जिस तरह आग पल भर में जंगल को नष्ट कर देती है । निर्धन को धन , जिसको पुत्र न हो उसको पुत्र सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है यह कवच जपने से सभी रोग दोष नष्ट हो जाते है ।

श्रुत्वः च् बगलः पूजैस्तोत्रं चापि महेश्वरः इदानी श्रोतुमिच्छामिह् कवच् वदः मे प्रभोह् ॥ १ ॥ वैरिनाशकरः दिव्यः सर्वा शुभविनाशनम् । शुभदः स्मरणात्पुणयः त्राहि मां दु:खनाशनम् ॥२॥ श्रीभैरवः उवाच :

कवच् शृणु वक्ष्यामिहः भैरवीप्राणवल्लभम् । पठित्वः धारयित्वः तु त्रैलोक्ये विजयी भवेत् ॥३॥ ॐ असयःश्री बगलामुखीकवचस्यःनारदः ऋषि: । अनुष्टप्छन्द: । बगलामुखी देवताः। लं बीजम् । ऐं कीलकम् पुरुषार्थचष्टयसिद्धये जपे विनियोग: । ॐ शिरो मे बगलः पातु हृदयैकाक्षरी परः । ॐ ह्ली ॐ मे ललाटेह च् बगलः वैरिनाशिनी ॥ माँ बगलामुखी का पूर्ण कवच का ही जप करना चाहिए शुद्ध मन से जो भी माँ से मांगा जाता है माँ पूर्ण करती है यह् बहूत शक्तिशाली होती है अतः इनकी पूजा करते समय कोई विघ्न न करे , और कोई भी सिद्ध अपने स्वार्थ के लिए न करे ।